Assembly Elections 2023: महादेव ऐप पर आईटी मंत्रालय ने लगाया प्रतिबंध, भूपेश बघेल ने कहा, "क्या भाजपा और ऐप संचालकों में कोई सौदा हुआ था, आखिर बैन में इतना समय क्यों लगा?"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: November 6, 2023 07:47 IST2023-11-06T07:39:21+5:302023-11-06T07:47:52+5:30
चुनावी राज्य छत्तीसगढ़ में महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप को लेकर सियासी भूचाल मचा हुआ है। एक तरफ सूबे की विपक्षी दल भाजपा इसके लिए भूपेश बघेल सरकार को दोषी ठहरा रही है, वहीं आरोपों पर पलटवार करते हुए सीएम बघेल ने कहा कि भाजपा उनकी छवि को खराब कर रही है।

फाइल फोटो
रायपुर: चुनावी राज्य छत्तीसगढ़ में महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप को लेकर भयंकर सियासी भूचाल मचा हुआ है। एक तरफ सूबे की विपक्षी दल भाजपा का आरोप है कि सट्टेबाजी का यह काला कारोबार कथिततौर पर भूपेश बघेल सरकार के संरक्षण में चल रहा था, वहीं आरोपों पर पलटवार करते हुए सीएम बघेल का कहना है कि भाजपा ईडी के जरिये नया चुनावी पैंतरा चल रही है और जनता उसकी इस चाल को समझ रही है।
इस बीच केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 22 अवैध सट्टेबाजी ऐप्स और वेबसाइटों को ब्लॉक करने का आदेश जारी किया है, जिसमें महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप भी शामिल है।
समाचार वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक मंत्रालय ने बीते रविवार रात जारी किये एक बयान में कहा, 'यह आदेश अवैध सट्टेबाजी ऐप सिंडिकेट की जांच और छत्तीसगढ़ में महादेव बुक पर छापे के बाद ऐप के गैरकानूनी संचालन का खुलासा करने के बाद ईडी की सिफारिशों पर जारी किया गया है।
इससे पहले ईडी ने पहले आरोप लगाया था कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को महादेव ऐप के प्रमोटरों द्वारा यूएई से भेजे गए 508 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था। इस मामले में ईडी ने अब तक कुल चार लोगों को गिरफ्तार किया है और 450 करोड़ रुपये से अधिक की जब्ती की है। इसेक अलावा जांच एजेंसी ने 14 आरोपियों के खिलाफ शिकायत भी दर्ज की है।
इस पूरे घटनाक्रम प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि केंद्र सरकार आखिरकार अपनी नींद से जाग गई और महादेव ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया। उन्होंने कहा, ''मैं कई महीनों से यह पूछ रहा हूं कि इस ऐप पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया जा रहा है। मैंने यहां तक कहा था कि शायद केंद्र सरकार ने 28 फीसदी जीएसटी के लालच में इस ऐप पर प्रतिबंध नहीं लगाया था या फिर भाजपा और ऐप ऑपरेटरों के बीच कोई सौदा हुआ था।”
उन्होंने कहा, “मुझे तो बहुत आश्चर्य है कि ईडी कई महीनों से महादेव ऐप मामले की जांच कर रही थी लेकिन बावजूद उसके ऐप चालू था। अब जब ऐप प्रतिबंधित हो गया है तो दुबई में इसके संचालकों को जल्द गिरफ्तार किया जाना चाहिए। छत्तीसगढ़ पुलिस सबसे पहले ऐप प्रमोटर्स के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी करने वाली थी और छत्तीसगढ़ पुलिस उनसे पूछताछ भी करना चाहती है क्योंकि उनके खिलाफ पहली एफआईआर यहीं दर्ज की गई थी।”
सीएम बघेल के इन आरोपों के उलट सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने छत्तीसगढ़ सरकार पर हमला करते हुए कहा कि राज्य सरकार के पास ऐप को बंद करने की सिफारिश करने की शक्तियां थीं, लेकिन उसने उस विकल्प का इस्तेमाल नहीं किया।
उन्होंने कहा, “छत्तीसगढ़ सरकार के पास सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69 ए के तहत महादेव ऐप और उसकी वेबसाइट को बंद करने की सिफारिश करने की शक्ति थी। हालांकि, उन्होंने ऐसा नहीं किया। जबकि वो पिछले 1.5 वर्षों से इस ऐप की जांच कर रहे हैं। दरअसल मामले में ईडी से पहला और एकमात्र अनुरोध प्राप्त हुआ है, जिसके आधार पर यह कार्रवाई की गई है। किसी ने भी छत्तीसगढ़ सरकार को इसी तरह का अनुरोध करने से रोका नहीं था।”
ईडी के अनुसार महादेव बुक विभिन्न लाइव गेम्स जैसे पोकर और अन्य कार्ड गेम, क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल और अन्य में अवैध सट्टेबाजी के लिए ऑनलाइन सुविधा दी जाती है। यहां तक कि इस ऐप में भारत में होने वाले विभिन्न चुनावों पर भी दांव लगाने का गेम चलता था।
मालूम हो कि साल 2017 में छत्तीसगढ़ से महादेव ऐप शुरू किया गया था और 2020 में कोरोना महामारी के दौरान लोगों का ध्यान इसकी ओर गया। ईडी सूत्रों ने दावा किया कि ऐप के मुख्य प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल भिलाई के रहने वाले हैं और दुबई से अपने अवैध कारोबार को अंजाम देते हैं। उन्होंने महादेव ऐप से लगभग 5,000 करोड़ रुपये जमा किए।