नई दिल्ली: दिग्गज टेक कंपनी विप्रो एक बार फिर चर्चा का विषय बनी हुई है। दरअसल, टेक कंपनी ने शुरू में विप्रो में अपना प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करने वाले फ्रेशर्स को 6.5 लाख रुपये का वार्षिक पैकेज देने का वादा किया था। हालांकि, अब फ्रेशर्स को भेजे गए आधिकारिक ईमेल के अनुसार, उन्हें अब प्रारंभिक पेशकश की तुलना में लगभग 50 प्रतिशत कम वेतन पर समझौता करने के लिए कहा गया है।
इंडिया टुडे ने बिजनेस स्टैण्डर्ड के हवाले से बताया कि विप्रो अब फ्रेशर्स को सिर्फ 3.5 लाख रुपये का सालाना पैकेज ही दे सकेगी। रिवाइज्ड लो-सैलरी ऑफर उन सभी विप्रो कैंडिडेट्स को दिया गया है जो इस साल के लिए कंपनी के वेलोसिटी ग्रेजुएट्स प्रोग्राम का हिस्सा रहे हैं। कंपनी उन्हें प्रस्ताव स्वीकार करने के लिए मजबूर नहीं कर रही है।
इसके अलावा ये तय करने के लिए एक टाइम पीरियड दिया गया है कि क्या वे कम वेतन में काम करना चाहेंगे या नहीं। कंपनी ने भेजे गए ईमेल में कहा, "हमारे उद्योग में अन्य लोगों की तरह हम वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं और ग्राहकों की जरूरतों का आकलन करना जारी रखते हैं, जो हमारी भर्ती योजनाओं में शामिल हैं। वर्तमान में हमारे पास 3.5 लाख रुपये के वार्षिक मुआवजे संग भर्तियों के लिए प्रोजेक्ट इंजीनियरों के रोल उपलब्ध हैं।"
टेक कंपनी विप्रो ने ये भी कहा, "यदि आप इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हैं तो पिछले सभी प्रस्ताव खारिज हो जाएंगे।" नए रिक्रूटर्स के वेतन में कटौती का फैसला बदलते परिवेश और कारोबारी जरूरतों को देखते हुए लिया गया है। विप्रो द्वारा ये मूव लागत में कटौती करने और कंपनी की योजनाओं के लिए इसे संरक्षित करने के लिए है।