नागरिकों के ‘ऑनलाइन’ अधिकारों की सुरक्षा को लेकर संसदीय समिति के साथ काम करने को तैयार: ट्विटर

By भाषा | Updated: June 18, 2021 23:25 IST2021-06-18T23:25:53+5:302021-06-18T23:25:53+5:30

Willing to work with parliamentary committee to protect 'online' rights of citizens: Twitter | नागरिकों के ‘ऑनलाइन’ अधिकारों की सुरक्षा को लेकर संसदीय समिति के साथ काम करने को तैयार: ट्विटर

नागरिकों के ‘ऑनलाइन’ अधिकारों की सुरक्षा को लेकर संसदीय समिति के साथ काम करने को तैयार: ट्विटर

नयी दिल्ली, 18 जून ट्विटर ने शुक्रवार को कहा कि वह नागरिकों के ऑनलाइन अधिकारों की सुरक्षा के लिये सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति के साथ काम करने के लिए तैयार है। वहीं समिति ने साफ तौर पर सोशल नेटवर्किंग मंच से कहा कि देश का कानून सर्वोच्च है न कि कंपनी की नीतियां।

केंद्र सरकार और ट्विटर के बीच नये आईटी नियम को लेकर जारी विवाद के बीच कंपनी की सार्वजनिक नीति प्रबंधक शगुफ्ता कामरान और वकील आयुषी कपूर शुक्रवार को संसदीय समिति के समक्ष पेश हुए।

बैठक के दौरान समिति के सदस्यों ने ट्विटर इंडिया के अधिकारियों की इस टिप्पणी पर कड़ा ऐतराज जताया कि वे अपनी (कंपनी की) नीति से बंधे हैं। समिति ने स्पष्ट रूप से उनसे कहा कि देश का कानून सर्वोच्च है।

ट्विटर प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘‘सूचना प्रौद्योगिकी पर स्थायी समिति के समक्ष विचार साझा करने के लिये जो अवसर दिया गया, हम उसकी सराहना करते हैं। पारदर्शिता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और गोपनीयता के अपने सिद्धांतों के अनुरूप, ट्विटर नागरिकों के अधिकारों की ऑनलाइन सुरक्षा के महत्वपूर्ण कार्य पर समिति के साथ काम करने के लिए तैयार है।’’

उसने कहा कि कंपनी सार्वजनिक बातचीत से जुड़ी सेवा और संरक्षण के लिए अपनी साझा प्रतिबद्धता के तहत भारत सरकार के साथ काम करना जारी रखेगी।

सूत्रों के अनुसार संसदीय समिति के सदस्यों ने ट्विटर से यह भी पूछा कि कंपनी देश के नियमों का ‘उल्लंघन’ करती पायी गयी है, ऐसे में उस पर जुर्माना क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि केंद्र ने इस महीने की शुरुआत में ट्विटर को नए आईटी नियमों का ‘तुरंत’ पालन करने का एक आखिरी मौका देते हुए नोटिस जारी किया था। इसमें यह चेतावनी दी गयी थी कि अगर नियमों का पालन नहीं किया गया तो कंपनी को आईटी अधिनियम के तहत दायित्व से मिली छूट समाप्त हो जाएगी।

नये आईटी नियम 26 मई से प्रभाव में आ गये और ट्विटर ने अतिरिक्त समय बीत जाने के बाद भी कानून के तहत जरूरी अधिकारियों की नियुक्ति नहीं की है।

कांग्रेस नेता शशि थरूर की अध्यक्षता वाली आईटी पर संसद की समिति ने मंच के दुरूपयोग और नागरिकों के अधिकारों के संरक्षण के दुरूपयोग को लेकर ट्विटर के अधिकारियों को तलब किया था।

सूत्रों के अनुसार समिति के सदस्यों ने ट्विटर से कुछ कड़े सवाल पूछे लेकिन उनके जवाब स्पष्ट नहीं थे।

सूत्रों ने कहा कि समिति सदस्यों ने ट्विटर इंडिया के अधिकारियों की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई कि उसकी नीति देश के कानून के समान है। समिति ने स्पष्ट रूप से कहा कि देश का कानून सर्वोच्च है, कंपनी की नीति नहीं।

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