नई दिल्लीः अब भारतीय यात्री कतर में भी यूपीआई के जरिये भुगतान कर सकेंगे। एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (एनआईपीएल) ने कतर नेशनल बैंक (क्यूएनबी) के साथ मिलकर इस सुविधा की शुरुआत की है। इस पहल के तहत क्यूएनबी से जुड़े दुकानदार और नेटस्टार्स के भुगतान समाधान का इस्तेमाल करने वाली पॉइंट-ऑफ-सेल मशीनों पर यूपीआई क्यूआर कोड से भुगतान किया जा सकेगा। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने बुधवार को बयान में कहा कि ‘कतर ड्यूटी फ्री’ की दुकानें इस सुविधा का इस्तेमाल करने वाले शुरुआती प्रतिष्ठान हैं।
धीरे-धीरे यह सुविधा अन्य प्रमुख पर्यटक स्थलों और बाजारों में भी उपलब्ध होगी। कतर आने वाले अंतरराष्ट्रीय आगंतुकों में भारतीय यात्री दूसरे स्थान पर हैं। नई सुविधा से उन्हें नकदी रखने और मुद्रा बदलने की परेशानी से छुटकारा मिलेगा। एनआईपीएल के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रितेश शुक्ला ने कहा, ‘‘यह साझेदारी यूपीआई की वैश्विक स्वीकृति बढ़ाने और एक अंतरराष्ट्रीय भुगतान नेटवर्क बनाने की दिशा में अहम कदम है।’’ एनआईपीएल देश में डिजिटल भुगतान प्रणाली का संचालन करने वाली कंपनी एनपीसीआई की एक अनुषंगी है।
क्यूएनबी के समूह मुख्य व्यवसाय अधिकारी यूसुफ महमूद अल-नीमा ने कहा कि इस पहल से भारतीय यात्रियों को सुविधा मिलेगी और कतर के खुदरा एवं पर्यटन क्षेत्र को भी फायदा होगा। उन्होंने कहा कि इस सुविधा की शुरुआत से स्थानीय व्यापारियों को ज्यादा ग्राहक मिलेंगे और डिजिटल लेनदेन बढ़ेगा।
फोनपे ने आईपीओ की मंजूरी मांगी, सेबी को गोपनीय मार्ग से सौंपे दस्तावेज
डिजिटल भुगतान प्रदाता फोनपे ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने के लिए बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के समक्ष दस्तावेज दाखिल किए हैं। कंपनी के प्रवक्ता ने बुधवार को कहा कि फोनपे लिमिटेड ने ‘प्री-फाइलिंग’ गोपनीय मार्ग के जरिये आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने के लिए बाजार नियामक सेबी के समक्ष दस्तावेज दाखिल किए हैं।
प्रवक्ता ने हालांकि आईपीओ के आकार का खुलासा करने से इनकार कर दिया। सूत्रों ने जून में बताया था कि सार्वजनिक पेशकश में सहायता के लिए कंपनी ने कोटक महिंद्रा कैपिटल, जेपी मॉर्गन चेस, सिटीग्रुप और मॉर्गन स्टेनली को शामिल किया है।