लखनऊः उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ ही सरकार ने गत फरवरी में 7.36 लाख करोड़ रुपए का भारी भरकम बजट पेश किया था. बजट ही ये धनराशि सूबे के तमाम विभाग अभी खर्च भी नहीं कर पाए, इसके बाद भी मंगलवार को सूबे के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा में इस वित्तीय वर्ष में दूसरा अनुपूरक बजट पेश किया. सरकार का दावा है कि 17,865 करोड़ रुपए के अनुपूरक बजट से प्रदेश के बाधारहित विकास को अनवरत जारी रखा जा सकेगा. इस 17,865.72 करोड़ रुपए के द्वितीय अनुपूरक बजट में 790.49 करोड़ रुपए के नए प्रस्ताव शामिल किए गए हैं. इसके पहले जुलाई में 12,209.93 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट योगी सरकार ने पेश किया था. दोनों अनुपूरक बजटों को मिलाकर योगी सरकार का वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट अब 7 लाख 66 हजार 513.36 करोड़ रुपए का हो गया है.
अनुपूरक बजट से इन विभागों को मिलेगा धन
प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के अनुसार, मंगलवार को सदन में पेश किए गए 17,865 करोड़ रुपए के अनुपूरक बजट में विभिन्न विभागों को उनकी आवश्यकता के अनुरूप बजट जारी किया जाएगा. उन्होने बताया कि इस अनुपूरक बजट से सबसे अधिक 8587.27 करोड़ रुपए ऊर्जा विभाग को और वित्त विभाग को 2438.63 करोड़ रुपए दिए जाएंगे.
जबकि परिवार कल्याण विभाग को 1592.28 करोड़ रुपए और पशुधन विभाग के लिए 1001 करोड़ रुपए दिए जाएंगे. लोक निर्माण विभाग को 805 करोड़ रुपए, प्राथमिक शिक्षा विभाग को 515 करोड़ रुपए और सूचना विभाग को 505 करोड़ रुपए दिए जाएंगे.
इसी तरह पंचायती राज विभाग को 454.01 करोड़ रुपए और चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग को 354.54 करोड़ रुपए अनुपूरक बजट से देने का प्रावधान किया गया है. वित्त मंत्री के अनुसार, प्रदेश सरकार के फैसलों और कुंभ के प्रचार प्रसार लिए सूचना विभाग को 505 करोड़ रुपए अनुपूरक बजट दे देने की व्यवस्था इस अनुपूरक बजट में की गई है. इस अनुपूरक बजट को मंगलवार सुबह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आयोजित हुई कैबिनेट की बैठक में सर्वसम्मति से स्वीकार प्रदान की गई. इसके तुरंत बाद इस सदन में पेश किया गया.
इसलिए अनुपूरक बजट लाने की जरूरत हुई
विपक्ष द्वारा बजट की धनराशि खर्च ना कर पाने के बाद भी योगी सरकार के अनुपूरक बजट लाने जाने पर जब सदन में सवाल उठाए तो वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने अनुपूरक बजट लाने की जरूरत पर सदन में प्रकाश डाला. उन्होने कहा कि यह अनुपूरक बजट उन खर्चों को कवर करने के लिए लाया गया है, जिनको अनुमानित बजट में शामिल नहीं किया गया था.
इसके अलावा वर्तमान में जो नई परिस्थितियां कुंभ आदि के कारण इसे लाना जरूरी हो गया था. वैसे भी प्रदेश के विकास के लिए जब भी आवश्यकता हो तब संवैधानिक तरीके से सदन के माध्यम से अनुपूरक बजट लाने का अधिकार सरकार को है. उसी अधिकार के तहत यह दूसरा अनुपूरक बजट लाया गया है.