लखनऊः उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बीमा कंपनियों की मिलीभगत से हड़पे गए करोड़ों रुपए को लेकर अब हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं. अब तक ही जांच से यह साबित हो गया है कि ये घोटाला सिर्फ बुंदेलखंड के ही कुछ जिलों में नहीं हुआ है, बल्कि मथुरा, फर्रूखाबाद सहित कई जिलों में भी फसल बीमा की राशि हड़पी गई है. राज्य के कई जिलों में फसल बीमा योजना में बीमा राशि हड़पे जाने की मिली सूचना के चलते कृषि विभाग ने मथुरा, फर्रूखाबाद, झांसी, ललितपुर, महोबा और जालौन के जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर बीमा होटाले की रिपोर्ट तलब की है.
इसके साथ ही बांदा, हमीरपुर और चित्रकूट के डीएम को जिले में हुए फसल बीमा के क्लेम का सत्यापन करने के निर्देश दिए गए हैं. यही नहीं खरीफ 2025 में हुई बीमा पॉलिसी में अब तक 1,05,361 पॉलिसी रद्द भी कर दी गई हैं. फसल बीमा योजना में हुई धांधली के तमाम मामले पकड़ में आए के बाद कृषि विभाग ने भारत सरकार से पोर्टल में आवश्यक संशोधन कराने का प्रस्ताव भी भेजा गया है.
करीब 1,05,361 बीमा पॉलिसी रद्द हुई
राज्य के कृषि निदेशक पंकज त्रिपाठी के अनुसार, बुंदेलखंड सहित प्रदेश के जिलों में खरीफ-2024, रबी 2024 और खरीफ 2025 में हुए फसल बीमा के हजारों घपले सामने आए हैं. पता चला है कि बीमा कंपनियों की मिलीभगत बंजर भूमि, नदी, पहाड़ी भूमि, रेलवे तथा सरकारी जमीन और सांसद की जमीन पर दूसरे लोगों ने बीमा कराकर करोड़ों रुपए डकार लिए.
यही नहीं मध्य प्रदेश के लोगों द्वारा भी यूपी में बीमा कराकर बीमा राशि हड़पने का मामला पकड़ा गया है. अकेले महोबा में करीब 40 करोड़ रुपए का बीमा क्लेम लेने का मामला पकड़ा गया. इस मामले में अलग- अलग थाने में 59 और झांसी में 10 के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराकर बीमा कंपनियों के दस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई ही गई है.
बीमा कंपनियों की मिलीभगत से फर्जी क्लेम लेने वाले किसानों से भी वसूली की जा रही है. मथुरा में भी करोड़ों रुपए का फर्जी क्लेम लिया गया है, इस धनराशि की वसूली की जा रही है. कृषि विभाग के अफसरों के अनुसार, फसल बीमा योजना में हुई धांधली को लेकर सभी जिलों में खरीफ और रबी 2025 की फसल बीमा पॉलिसी की जांच डीएम के माध्यम से कराई जा रही है. अब तक हुई जांच के आधार पर करीब 1,05,361 बीमा पॉलिसी रद्द की गई हैं. इसमें सबसे अधिक 10 हजार बीमा पॉलिसी महोबा जिले की हैं.
झांसी में नौ हजार तथा जिलों में डेढ़ सौ से लेकर एक एक हजार के बीच पॉलिसी रद्द की गई हैं. मथुरा, फर्रुखाबाद, लखनऊ, हमीरपुर और ललितपुर सहित एक दर्जन जिलों में अभी जांच चल रही हैं.यूपी के कृषि सांख्यिकी एवं फसल बीमा निदेशक सुमिता सिंह के मुताबिक जिलाधिकारियों की जांच रिपोर्ट आते ही बीमा कंपनियां एनसीआईपी पर दर्ज पॉलिसी रद्द कर रही हैं.
अब सत्यापन के बाद जारी होगी क्लेम राशि
सुमिता सिंह का कहना है कि पीएम फसल बीमा पोर्टल में आवश्यक संशोधन कराने के साथ ही कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर बीमा कराने पर रोक लगाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है. चूंकि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना का क्रियान्वयन भारत सरकार की ओर से तैयार पोर्टल पर किया जाता है,
इसलिए आवश्यक संशोधन कराने का प्रस्ताव भी भेजा गया है. उन्होने यह भी बताया कि यूपी में बीमा क्लेम के हर मामले का सत्यापन करने के बाद ही राशि जारी करने के निर्देश दिए गए हैं. सुमिता सिंह के मुताबिक प्रदेश में खरीफ 2024-25 में किसानों का फसल बीमा कराकर 1.25 करोड़ का प्रीमियम दिया और 2.12 करोड़ का क्लेम लिया.
इसी तरह खरीफ 2025-26 में किसानों का फसल बीमा कराकर 1.06 करोड़ का प्रीमियम दिया गया था. अभी इनका क्लेम होना है। इसी तरह खरीफ 2024-25 में 15.38 लाख किसानों का फसल बीमा कराकर 432.43 करोड़ का प्रीमियम दिया गया । इनमें से 3.58 लाख किसानों को 276.10 करोड़ का क्लेम दिया गया है. खरीफ 2025-26 में 20.92 लाख किसानों ने 537.64 करोड़ का प्रीमियम दिया, जिनमें से 2.06 किसानों को 142.02 करोड़ का क्लेम दिया गया है.