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एक्साइज इन्वैस्टर समिट में 3600 करोड़ रुपए निवेश प्रस्ताव, शराब, बीयर और वाइन बनाने वाली बड़ी कंपनी आतुर

By राजेंद्र कुमार | Updated: July 9, 2025 18:27 IST

आबकारी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल की पहल पर पहली बार राज्य में एक्साइज इन्वैस्टर समिट-2025 का आयोजन किया गया.

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ठळक मुद्देशराब, बीयर और वाइन बनाने वाली बड़ी विख्यात कंपनी प्रदेश में अपनी फैक्ट्री लगाएं.देश-विदेश से आए बड़े निवेशक, औद्योगिक समूह और स्टार्टअप प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल इसे एक उपलब्धि मान रहे हैं.

लखनऊः उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक, मैन्युफैक्चरिंग, स्पोर्ट्स, फूड प्रोसेसिंग, सीमेंट, चीनी सेक्टर में देशी और विदेशी निवेश को लाने का साथ ही योगी सरकार ने एक्साइज सेक्टर पर भी ध्यान जमाया है. वजह राज्य में शराब-बीयर और भांग ने जरिए सरकार की हो रही बंपर कमाई है. योगी सरकार चाहती है कि राज्य में शराब, बीयर और वाइन बनाने वाली बड़ी विख्यात कंपनी प्रदेश में अपनी फैक्ट्री लगाएं.

योगी सरकार की इस मंशा से एक्साइज सेक्टर में कार्यरत बड़ी कंपनियों को अवगत कराने के लिए सूबे के आबकारी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल की पहल पर पहली बार राज्य में एक्साइज इन्वैस्टर समिट-2025 का आयोजन किया गया. इस समिट में देश-विदेश से आए बड़े निवेशक, औद्योगिक समूह और स्टार्टअप प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. इस दौरान एक्साइज सेक्टर में करीब 3600 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए. आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल इसे एक उपलब्धि मान रहे हैं.

आबकारी मंत्री का दावा

प्रदेश में यह पहला मौका था जब लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में एक दिवसीय एक्साइज इन्वेस्टर समिट-2025 का आयोजन हुआ. इस समिट का उदघाटन करते हुए आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने यह दावा किया किया कि यूपी को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला राज्य बनाने में सभी सेक्टर अपना योगदान दे रहे हैं.

इसमें एक्साइज (एक्लोबेव) सेक्टर भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. यूपी के एल्कॉहलिक बेवरेज उद्योग ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान मार्केट रेवेन्यु में 56,000 करोड़ रुपए का योगदान दिया, जो राज्य के जीडीपी का 2.4 फीसदी है. यही नहीं, कृषि, निर्माण, पैकेजिंग, आतिथ्य, लॉजिस्टिस एवं रीटेल से जुड़ा होने के कारण यह उद्योग 5.3 लाख लोगों को आजीविका के अवसर भी प्रदान करता है.

यह दावा करते हुए नितिन अग्रवाल ने इंटरनेशनल स्पिरिट्स एंड वाइन्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएसडब्लूएआई) द्वारा प्रदेश के एल्कॉहलिक बेवरेज (एल्कोबेव) उद्योग पर तैयार की गई रिपोर्ट को सार्वजनिक (विमोचन) किया. बिल्डिंग पाथवेज फॉर फ्यूचर इन्वेस्टमेंट्स एंड ग्रोथः एल्कोलिक बेवरेज इंडस्ट्री इन उत्तर प्रदेश नाम की इस रिपोर्ट में यूपी की अर्थव्यवस्था, रोजगार, कृषि, पर्यटन और औद्योगिक विकास में एल्कोबेव उद्योग की बहुआयामी भूमिका को रेखांकित किया गया है. इसके साथ ही इसमें बताया गया कि कैसे एक्साइज सेक्टर प्रदेश के राजस्व को बढ़ाने में योगदान दे रहा है.

राज्य के एल्कोहोलिक बेवरेज उद्योग के बारे में इस रिपोर्ट में व्यापक जानकारी दी गई है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि एक्साइज सेक्टर में निवेश को बढ़ाने देने के लिए टैक्स को कैसे युक्तिसंगत बनाया जाए तथा रीटेल पहुंच का विस्तार करने और शराब बीयर और वाइन के निर्यात को बढ़ाने के लिए क्या किया जाए.

इसी समिट में आम से वाइन बनाने और बीयर तथा शराब बनाने के कई निवेश प्रस्ताव सरकार को प्राप्त हुए. राज्य के आबकारी आयुक्त आदर्श सिंह के अनुसार, इस समिट के दौरान देश और विदेश से आए निवेशकों ने एक्साइज सेक्टर में 3600 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव सौंपे हैं,

जल्दी ही इस प्रस्तावों को जमीन पर उतारने की कार्रवाई की जाएगी. आदर्श सिंह ने आईएसडब्लूएआई की रिपोर्ट के महत्वपूर्ण बिंदुओं को लेकर भी समिट में आए लोगों के साथ चर्चा की. आईएसडब्लूएआई की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे एक्साइज सेक्टर यूपी की अर्थव्यवस्था में योगदान दे रहा है.

आईएसडब्लूएआई रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु :

यूपी में होने वाले टैक्स कलेक्शन का 25 फीसदी हिस्सा एल्कॉहलिक बेवरेजेज़ से आता है। 

एल्कोहल परोसने वाले लाइसेंसी एफ एंड बी संस्थानों की 14-19 फीसदी कमाई एल्कोहल की बिक्री से होती है और ये 50,000 से अधिक लोगों को रोज़गार देते हैं।

राज्य के 27,308 लिकर रीटेल आउटलेट 1.3 लाख लोगों को नौकरियां देते हैं।

बेवरेज प्रोडक्शन के लिए अनाज और गन्ने की खरीद के कारण 3.4 लाख से अधिक किसानों को सीधा फायदा मिलता है।

यह उद्योग फिरोज़ाबाद की ग्लास इकोनॉमी में ज़बरदस्त योगदान देता है, शहर में कंटेनर ग्लास आउटपुट के 80 फीसदी हिस्से की खपत बेवरेज सेक्टर में होती है। 

यूपी की एक्साइज़ पॉलिसी 2025-26 पर्यटन विभाग के साथ साझेदारी में वाइनरी और माइक्रो-ब्रेवरीज़ की स्थापना द्वारा एल्कॉहल-टूरिज़्म को बढ़ावा देती है।

इंडियन मेड फॉरेन लिकर (आईएमएफएल) सेगमेन्ट ने वॉल्युम में सालाना 10 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की है, जो प्रीमियमाइजेशन की ओर उपभोक्ताओं के बढ़ते रूझानों को दर्शाती है।

टॅग्स :उत्तर प्रदेशउत्तर प्रदेश समाचारयोगी आदित्यनाथ
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