लखनऊः उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में इजाफा करने के लिए नई विदेशी निवेश नीति पर सहमति जता दी. इसके साथ ही सरकार ने यूपी में निवेश करने वाले दो विदेशी कंपनियों सैमसंग और एलजी को भारी रियायत देने का फैसला किया है. इससे संबन्धित प्रस्तावों को मंगलवार को सीएम योगी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट में मंजूरी दी गई.
राज्य के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के अनुसार सरकार ने ग्रेटर नोएडा में निवेश करने वाली सैमसंग इलेक्ट्रानिक कंपनी को 1751 करोड़ रुपए प्रोत्साहन राशि के रूप में देगी. यह वित्तीय सहायता अगले 15 सालों में मिलेगी. इसी प्रकार यूपी के नोएडा में 567 करोड़ रुपए का निवेश करने वाली एलजी इंडिया को भी नियमानुसार प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय किया गया है.
मंगलवार को हुई कैबिनेट में लिए गए फैसलों को लेकर सूबे के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने मीडिया को जानकारी दी. सुरेश खन्ना के अनुसार, कैबिनेट की बैठक में कुल 20 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई. इनमें प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को मजूरी दिया जाना बेहद ही अहम फैसला है. इस नीति को मंजूरी मिलने से राज्य में विदेशी निवेश में इजाफा होगा.
प्रदेश में योगी सरकार के शासनकाल में एफडीआई के जरिए 9400 करोड़ रुपए का निवेश हुआ है. इस निवेश में इजाफा करने के लिए नई नीति को मंजूरी दी गई है. सूबे की नई एफडीआई नीति के अंतर्गत 100 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश पर निवेशक को सरकार के कई रियायते मिलेंगी.
जिसके तहत जमीन खरीदने की सुविधा, स्टाम्प ड्यूटी में छूट, कैपिटल इंवेसमेंट में 25 से 30% की सुविधा पांच सालों तक मिलेगी. सुरेश खन्ना ने सैमसंग और एलजी को प्रोत्साहन राशि के रुप में करोड़ों रुपए की आर्थिक सहयता देने को लेकर बताया कि इन दोनों ही कंपनियों के नोएडा में बड़ा निवेश किया हुआ है.
इन दोनों ही कंपनियों को पहले से तय फार्मूले के हिसाब से वित्तीय रियायत मिल रही थी जो कि कम थी. ऐसे में सरकार ने मेगा प्रोजेक्ट में केस टू केस के आधार पर सैमसन को अगले 15 सालों में 1751 करोड़ रुपए दिए जाने का फैसला किया.