नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रेल मार्ग पर भीड़भाड़ कम करने के उद्देश्य से बुधवार को दो रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी। केंद्रीय मंत्रिमंडल की यहां हुई बैठक में इन रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी। वैष्णव ने कहा कि मंत्रिमंडल ने पंजाब और हरियाणा में ‘हाइब्रिड एन्यूटी’ मॉडल पर 1,878.31 करोड़ रुपये की लागत से 19.2 किलोमीटर लंबे जीरकपुर बाईपास के निर्माण को मंजूरी दी। इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में 104 किलोमीटर लंबे तिरुपति-पकाला-कटपडी रेल खंड का 1,332 करोड़ रुपये की कुल लागत से दोहरीकरण करने को भी मंजूरी दी।
पीएमकेएसवाई के तहत 1,600 करोड़ रुपये की एम-सीएडीडब्ल्यूएम उप-योजना को मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 1,600 करोड़ रुपये के शुरुआती परिव्यय के साथ वर्ष 2025-26 की अवधि के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) की उप-योजना के रूप में कमांड क्षेत्र विकास और जल प्रबंधन (एम-सीएडीडब्ल्यूएम) के आधुनिकीकरण को मंजूरी प्रदान की।
इस योजना का उद्देश्य एक निर्दिष्ट क्लस्टर में मौजूदा नहरों या अन्य स्रोतों से सिंचाई के पानी की आपूर्ति के लिए सिंचाई जलापूर्ति नेटवर्क का आधुनिकीकरण करना है। एक सरकारी बयान के अनुसार, यह किसानों द्वारा एक स्थापित स्रोत से खेतों तक, एक हेक्टेयर तक, भूमिगत दबाव वाली पाइप सिंचाई के साथ सूक्ष्म सिंचाई के लिए मजबूत ‘बैक-एंड’ बुनियादी ढांचा तैयार करेगा।
मंत्रिमंडल ने 1,878 करोड़ रुपये की जीरकपुर बाईपास परियोजना को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को पंजाब और हरियाणा में 1,878.31 करोड़ रुपये की लागत से 19.2 किलोमीटर लंबी जीरकपुर बाईपास सड़क परियोजना के निर्माण को मंजूरी दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, छह लेन वाला जीरकपुर बाईपास एनएच-7 (जीरकपुर-पटियाला) के जंक्शन से शुरू होगा और एनएच-5 (जीरकपुर-परवाणू) के जंक्शन पर समाप्त होगा। इस बाईपास मार्ग की कुल लंबाई पंजाब और हरियाणा में 19.2 किलोमीटर होगी। बयान के मुताबिक, हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल पर संचालित होने वाली इस परियोजना की कुल पूंजी लागत 1,878.31 करोड़ रुपये है।
इस परियोजना का प्राथमिक उद्देश्य पटियाला, दिल्ली और मोहाली एयरोसिटी से यातायात का रुख मोड़कर और हिमाचल प्रदेश को सीधा संपर्क प्रदान करके जीरकपुर, पंचकूला और आसपास के क्षेत्रों में भीड़भाड़ को कम करना है। मौजूदा प्रस्ताव का उद्देश्य यात्रा के समय को कम करना और एनएच-7, एनएच-5 और एनएच-152 के भीड़भाड़ वाले शहरी खंड में यातायात को सुगम बनाना है।