लाइव न्यूज़ :

उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक ने जमा राशि पर ब्याज दरें बढ़ाई

By भाषा | Updated: December 9, 2021 18:39 IST

Open in App

नयी दिल्ली, नौ दिसंबर उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक ने अलग-अलग अवधियों के लिए जमा राशि पर ब्याज दरें बढ़ा दी है।

बैंक ने बृहस्पतिवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि 60 वर्ष तक के नागरिकों को 19 महीने और एक दिन से 24 महीने की अवधि के लिए जमा राशि पर 6.6 प्रतिशत की ब्याज दर की पेशकश जायेगी।

वही 12 महीने के अवधि के लिए बैंक 6.5 प्रतिशत ब्याज देगा। बैंक इससे पहले इन अवधियों के लिए जमा राशि पर 6 प्रतिशत ब्याज दे रहा था।

उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक के अनुसार नयी दरें नौ दिसंबर, 2021 से प्रभावी हो गयी हैं। बैंक वरिष्ठ नागरिकों को 0.75 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज की पेशकश करेगा।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

क्रिकेटIND vs NZ ODI series: न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में एक्शन में होंगे रो-को?, देखें संभावित टीम, पूरा शेड्यूल यहां

क्रिकेटअभिषेक शर्मा ने VHT में शानदार प्रदर्शन से वनडे टीम में सिलेक्शन के लिए अपनी दावेदारी मज़बूत की; लगाए 45 छक्के, नेट्स में 40 मिनट तक की बॉलिंग

भारतMaharashtra: अजीत पवार ने स्थानीय चुनावों के लिए चाचा शरद के साथ गठबंधन की घोषणा की

क्रिकेटAshes Test Series: इंग्लैंड को झटका, सिडनी में होने वाले आखिरी एशेज टेस्ट से बाहर हुआ यह तेज गेंदबाज

भारतBMC Elections 2026: अजित पवार की NCP अकेले लड़ेगी चुनाव, 37 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की, लिस्ट में नवाब मलिक के परिवार के 3 सदस्य शामिल

कारोबार अधिक खबरें

कारोबार31 दिसंबर को देशव्यापी गिग वर्कर्स की हड़ताल, पूरे भारत में नए साल की पूर्व संध्या पर खाने और ऑनलाइन शॉपिंग की डिलीवरी होगी बाधित

कारोबारचांदी जैसा रंग है तेरा...!

कारोबारपीएम आवास योजनाः 11 लाख पात्र लिस्ट से बाहर, अपात्रों को बांटे 9.52 करोड़?, योगी राज में सीएजी ने पाई खामियां

कारोबारगौतम अदाणी की जीवन यात्रा बड़े सपने देखने वाले युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत?, पवार ने कहा-मुंबई आए और शून्य से की शुरुआत, आज व्यवसाय 23 राज्यों में फैला

कारोबार1,05,361 पॉलिसी रद्द, झांसी, महोबा, ललितपुर, हमीरपुर, मथुरा, फर्रुखाबाद सहित कई जिलों में जांच शुरू,फसल बीमा घोटाले के चलते हजारों किसान मायूस?