मुंबई, 20 जुलाई सरकार की क्षेत्रीय संपर्क योजना उड़ान के कार्यान्वयन की धीमी गति के चलते 50 प्रतिशत मार्ग भी चालू नहीं हो सके हैं और कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के चलते योजना आगे और प्रभावित हो सकती है।
रेटिंग एजेंसी इक्रा ने मंगलवार को अपनी एक रिपोर्ट में यह बात कही।
रिपोर्ट के मुताबिक 2024 तक कम से कम 1,000 क्षेत्रीय संपर्क मार्ग (आरसीएस) शुरू करने और 100 से अधिक अनारक्षित और छोटे हवाई अड्डों के संचालन के लक्ष्य को पाने में दो साल की देरी हो सकती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 अप्रैल 2017 को उड़ान योजना की शुरुआत की थी, जिसका मकसद आम लोगों को हवाई यात्रा की सुविधा देना था। इसके लिए सरकार ने वित्तीय सहायता और बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर दिया।
इक्रा के मुताबिक 31 मई तक उड़ान के तहत कुल मार्गों में से केवल 47 प्रतिशत मार्ग और 39 प्रतिशत हवाई अड्डे ही चालू हो सके थे।
इक्रा ने कहा कि परिचालन शुरू करने वाले नए आरसीएस मार्गों की संख्या 2019 और 2020 में तेजी से बढ़ी, लेकिन कोविड-19 महामारी के चलते 2021 में यह रफ्तार घट गई।
इक्रा के अनुसार वित्त वर्ष 2018 से 2021 के दौरान सरकार ने उड़ान योजना पर कुल 3,350 करोड़ रुपये खर्च किए, और वित्त वर्ष 2022 के लिए 1,130 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है।
इक्रा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और कॉरपोरेट रेटिंग के समूह प्रमुख शुभम जैन ने कहा कि कुछ आरसीएस हवाई अड्डों पर बुनियादी सुविधाओं की कमी तथा नियामक मंजूरियों में देरी के चलते उड़ान योजना को लागू करने में विलंब हो रहा है।
उन्होंने कहा कि कुछ मार्गों पर कम मांग, विपरीत मौसम दशाओं और महामारी के चलते भी योजना प्रभावित हुई है।
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