कोलंबो, 12 जुलाई श्रीलंका में चीन द्वारा निर्मित रणनीतिक बंदरगाह हंबनटोटा अगले साल तक बहुउद्देश्यीय बंदरगाह के रूप में पूरी तरह से काम करना शुरू कर देगा। बंदरगाह की निर्माता कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
सुदूर पूर्व को पश्चिम से जोड़ने वाले वैश्विक पोत परिवहन मार्ग से दस समुद्री मील की दूरी पर स्थित हंबनटोटा बंदरगाह श्रीलंका का सबसे विविध और बहुउद्देश्यीय बंदरगाह है।
हिंद महासागर के किनारे स्थित होने के कारण बंदरगाह में ऊर्जा सेवाओं में काफी संभावनाएं हैं। हिंद महासागर के किनारे बसे क्षेत्रों में दुनिया के समुद्री तेल का 50 प्रतिशत कारोबार होता है। बंदरगाह के रसोई गैस और भविष्य के रसोई गैस परिचालनों से इसके क्षेत्र में ऊर्जा के एक केंद्र के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करना तय है।
चीन श्रीलंका में विभिन्न अवसंरचना परियोजाओं में निवेश करने वाले सबसे बड़े देशों में से एक है। लेकिन स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों ही स्तरों पर इस बात को लेकर चिंताएं उठ रही हैं कि चीन ने श्रीलंका को अपने कर्ज के जाल में फंसा लिया है।
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