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West Asia में तनाव बढ़ने से सेंसेक्स 845 अंक लुढ़का, निफ्टी 247 अंक टूटा

By संदीप दाहिमा | Updated: April 15, 2024 18:20 IST

Iran-Israel tensions: पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने तथा भारत-मॉरीशस कर संधि में प्रस्तावित बदलाव से भी बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। सेंसेक्स के शेयरों में विप्रो, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज फिनसर्व, बजाज फाइनेंस, टाटा मोटर्स, लार्सन एंड टुब्रो, टेक महिंद्रा और एचडीएफसी बैंक प्रमुख रूप से नुकसान में रहे। दूसरी तरफ नेस्ले, मारुति और भारती एयरटेल के शेयर लाभ में रहे।

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ठळक मुद्देWest Asia: स्थानीय शेयर बाजारों में सोमवार को लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में गिरावटIran-Israel tensions: पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने और वैश्विक बाजारों के कमजोर रुख

स्थानीय शेयर बाजारों में सोमवार को लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में गिरावट जारी रही और बीएसई सेंसेक्स 845 अंक और लुढ़क गया। पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने और वैश्विक बाजारों के कमजोर रुख से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 845.12 अंक यानी 1.14 प्रतिशत की गिरावट के साथ दो सप्ताह के निचले स्तर 73,399.78 अंक पर बंद हुआ।

कारोबार के दौरान एक समय यह 929.74 अंक तक लुढ़क गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 246.90 अंक यानी 1.10 प्रतिशत की गिरावट के साथ 22,272.50 अंक पर बंद हुआ। इससे पहले, शुक्रवार को सेंसेक्स 793.25 अंक और निफ्टी 234.40 अंक के नुकसान में रहा था। कुल मिलाकर दो कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स 1,638 अंक यानी 2.19 प्रतिशत और निफ्टी 481 अंक यानी 2.13 प्रतिशत टूटा है। व्यापक बाजार में, बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक में 1.54 प्रतिशत और मिडकैप में 1.50 प्रतिशत की गिरावट आई। विश्लेषकों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की पूंजी निकासी और अमेरिका में मुद्रास्फीति अनुमान से अधिक बढ़ने से बाजार नुकसान में रहा।

इसके अलावा, पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने तथा भारत-मॉरीशस कर संधि में प्रस्तावित बदलाव से भी बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। सेंसेक्स के शेयरों में विप्रो, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज फिनसर्व, बजाज फाइनेंस, टाटा मोटर्स, लार्सन एंड टुब्रो, टेक महिंद्रा और एचडीएफसी बैंक प्रमुख रूप से नुकसान में रहे। दूसरी तरफ नेस्ले, मारुति और भारती एयरटेल के शेयर लाभ में रहे। क्षेत्रवार बात करें तो सेवाओं में 2.12 प्रतिशत, वित्तीय सेवाओं में 1.81 प्रतिशत, आईटी में 1.58 प्रतिशत, बैंकेक्स में 1.55 प्रतिशत और यूटिलिटी में 1.37 प्रतिशत की गिरावट आई। दूसरी ओर ऊर्जा और तेल एवं गैस शेयर लाभ में रहे। कारोबार के अंत में कुल 2,991 शेयरों में गिरावट आई, जबकि 913 बढ़त में रहे और 145 में कोई बदलाव नहीं हुआ। एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में जबकि चीन का शंघाई कम्पोजिट लाभ में रहा। यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में मिला-जुला रुख रहा।

अमेरिकी बाजार वॉल स्ट्रीट शुक्रवार को नुकसान में रहा था। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर राजनीतिक तनाव बढ़ने और अमेरिका में महंगाई दर अनुमान से अधिक होने से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई। अधिक मूल्यांकन और वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में कंपनियों की कमाई में कमी आने के अनुमान के कारण मझोली और छोटी कंपनियों के सूचकांकों में मुख्य रूप से गिरावट रही।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दूसरी तरफ यूरोपीय बाजार में शुरुआती कारोबार में सकारात्मक रुख रहा जबकि तेल के दाम में नरमी आई। बाजार प्रतिभागियों का मानना है कि राजनयिक स्तर पर जारी प्रयासों से पश्चिम एशिया में तनाव खत्म होने की उम्मीद है।’’ इस बीच, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.04 प्रतिशत फिसलकर 89.51 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शुक्रवार को 8,027 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे। सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, देश में सब्जियों, आलू, प्याज और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण थोक मुद्रास्फीति मार्च में मामूली रूप से बढ़कर 0.53 प्रतिशत हो गई, जो फरवरी में 0.20 प्रतिशत थी।

शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, खुदरा मुद्रास्फीति मार्च महीने में घटकर 4.85 प्रतिशत रही जो पांच महीने का निचला स्तर है। वहीं खनन क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन से औद्योगिक उत्पादन में फरवरी, 2024 में वृद्धि 5.7 प्रतिशत रही जो चार महीने का उच्चस्तर है। हेज फंड हेडोनोवा के सीआईओ सुमन बनर्जी ने कहा कि पश्चिम एशिया में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के कारण बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी में गिरावट आई। ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव के कारण प्रमुख क्षेत्रों में नुकसान हुआ। आयकर विभाग ने शुक्रवार को कहा कि भारत और मॉरीशस के बीच संशोधित दोहरा कराधान बचाव संधि में नियमों और दिशानिर्देशों को मंजूरी देना और अधिसूचित किया जाना बाकी है। दोनों देशों ने सात मार्च को दोहरा कराधान बचाव संधि (डीटीएए) में संशोधन के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं। इसमें यह तय करने के लिए ‘प्रिंसिपल पर्पज टेस्ट’... (पीपीटी) की व्यवस्था की गयी है। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि कोई विदेशी निवेशक संधि लाभों का दावा करने के लिए पात्र है या नहीं।  

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