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Reserve Bank Repo Rate: आरबीआई नहीं देगा झटका!, ईएमआई पर बोझ नहीं बढ़ेगा, एक बार फिर 6.5 प्रतिशत पर रहेगा रेपो दर!, जानिए विशेषज्ञों की राय

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 4, 2024 20:42 IST

Reserve Bank Repo Rate: विशेषज्ञों ने कहा कि महंगाई का दबाव बने रहने के बीच आरबीआई ब्याज दर पर अपना रुख बदलने से पहले अमेरिकी मौद्रिक नीति पर बारीकी से नजर रखेगा।

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ठळक मुद्देआने वाले महीनों में मौद्रिक नीति में ढील दी जा सकती है।ब्याज दर 6.5 प्रतिशत (रेपो दर) तक बढ़ा दी गई हो, आर्थिक वृद्धि अच्छी है।शक्तिकान्त दास की अध्यक्षता वाली एमपीसी की बैठक 6-8 अगस्त के बीच होनी है।

Reserve Bank Repo Rate: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) बृहस्पतिवार को प्रमुख नीतिगत दर रेपो को एक बार फिर 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रख सकता है। विशेषज्ञों ने यह अनुमान जताते हुए कहा है कि केंद्रीय बैंक दर में कटौती करने से पहले अधिक व्यापक आर्थिक आंकड़ों का इंतजार कर सकता है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने फिलहाल अपनी ब्याज दर पर यथास्थिति बनाए रखने का फैसला किया है और संकेत दिया है कि आने वाले महीनों में मौद्रिक नीति में ढील दी जा सकती है।

विशेषज्ञों ने कहा कि महंगाई का दबाव बने रहने के बीच आरबीआई ब्याज दर पर अपना रुख बदलने से पहले अमेरिकी मौद्रिक नीति पर बारीकी से नजर रखेगा। मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) भी दर में कटौती से परहेज कर सकती है, क्योंकि भले ही ब्याज दर 6.5 प्रतिशत (रेपो दर) तक बढ़ा दी गई हो, आर्थिक वृद्धि अच्छी है।

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास की अध्यक्षता वाली एमपीसी की बैठक 6-8 अगस्त के बीच होनी है। दास आठ अगस्त (बृहस्पतिवार) को दर निर्धारण समिति के फैसले की घोषणा करेंगे। बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि आगामी नीतिगत समीक्षा में आरबीआई यथास्थिति बनाए रखेगा।

मुद्रास्फीति आज भी 5.1 प्रतिशत के उच्चस्तर पर बनी हुई है और आने वाले महीनों में इसमें संख्यात्मक रूप से कमी आएगी, लेकिन आधार प्रभाव के कारण यह अधिक बनी रहेगी।’’ इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में उच्च वृद्धि, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 4.9 प्रतिशत की मुद्रास्फीति के साथ मिलकर यथास्थिति बनाए रखने के पक्ष में रुख बना रही है।

उन्होंने कहा कि अगस्त, 2024 की बैठक में रुख में बदलाव या दर में कटौती की गुंजाइश नहीं लग रही है। उन्होंने कहा कि अच्छे मानसून और वैश्विक या घरेलू झटकों की अनुपस्थिति में खाद्य मुद्रास्फीति अनुकूल हो जाती है, तो अक्टूबर, 2024 में रुख में बदलाव संभव है।

इसके बाद दिसंबर, 2024 और फरवरी, 2025 में ब्याज दरों में 0.25-0.25 प्रतिशत की कटौती हो सकती है। सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) के संस्थापक और चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने भी कहा कि केंद्रीय बैंक से ब्याज दर पर यथास्थिति बनाए रखने की उम्मीद है, क्योंकि खुदरा मुद्रास्फीति लगातार चुनौतियां पेश कर रही है। 

टॅग्स :रेपो रेटभारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई)
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