लाइव न्यूज़ :

भारतीय रिजर्व बैंकः नए साल में आम लोगों को तोहफा देंगे नए गवर्नर संजय मल्होत्रा?, ब्याज दरों में कटौती करेंगे

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 11, 2024 09:38 IST

Reserve Bank of India: नए गवर्नर के आने से बाजार सहभागी यह सोच सकते हैं कि मौद्रिक नीति निर्णयों में सरकार की भूमिका और मजबूत हो सकती है।

Open in App
ठळक मुद्देब्रोकरेज घराने ने यह भी कहा कि फरवरी की बैठक में दरों में कटौती होने की पक्की संभावना है।नोमुरा ने कहा कि वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए अगली बैठक में दरों में कटौती उचित है।वृद्धि जोखिम और मुद्रास्फीति में हाल में हुई वृद्धि को संतुलित करना होगा।

मुंबईः संजय मल्होत्रा ​​की भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नए गवर्नर के रूप में नियुक्ति ने फरवरी में अगली मौद्रिक नीति समीक्षा के दौरान ब्याज दरों में कटौती की संभावना को मजबूत किया है। विश्लेषकों ने मंगलवार यह अनुमान जताया। उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के निवर्तमान गवर्नर शक्तिकान्त दास दरों को लेकर ‘अपने रुख पर अड़े हुए हैं’, जैसा कि छह दिसंबर की बैठक में देखा गया। विश्लेषकों ने कहा कि उनकी अध्यक्षता में दर निर्धारण समिति ने दरों पर यथास्थिति जारी रखी। जापानी ब्रोकरेज नोमुरा के विश्लेषकों ने कहा कि मल्होत्रा एक नौकरशाह भी हैं, और माना जा रहा है कि उनकी अगुवाई में मौद्रिक नीति अधिक उदार होगी। ब्रोकरेज घराने ने यह भी कहा कि फरवरी की बैठक में दरों में कटौती होने की पक्की संभावना है।

 

 

नोमुरा ने कहा कि वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए अगली बैठक में दरों में कटौती उचित है। ब्रोकरेज ने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में ब्याज दरों में कटौती के मुद्दे पर सरकार और आरबीआई के बीच एक स्पष्ट विभाजन उभरता हुआ दिखाई दे रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, दोनों ने नीति को सख्त रखने के लिए आरबीआई की आलोचना की है।

घरेलू ब्रोकरेज फर्म एमके ने कहा कि वह फरवरी में दरों में कटौती की संभावना से इनकार नहीं करती है। इसमें कहा गया कि मल्होत्रा ​​को नियुक्त करने का फैसला अंतिम समय में लिया गया, और यह दर्शाता है कि सरकार आरबीआई के शीर्ष पर एक टेक्नोक्रेट के बजाय एक नौकरशाह को रखने में सहज है।

ब्रोकरेज यूबीएस के विश्लेषकों ने कहा कि वित्त मंत्रालय से नए गवर्नर के आने से बाजार सहभागी यह सोच सकते हैं कि मौद्रिक नीति निर्णयों में सरकार की भूमिका और मजबूत हो सकती है। उन्होंने कहा कि मल्होत्रा ​​को वृद्धि जोखिम और मुद्रास्फीति में हाल में हुई वृद्धि को संतुलित करना होगा।

टॅग्स :भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई)संजय मल्होत्राशक्तिकांत दास
Open in App

संबंधित खबरें

भारतरेपो दर में कटौती से घर के लिए कर्ज होगा सस्ता, मांग बढ़ेगी: रियल एस्टेट

कारोबारRBI Monetary Policy: 25 बेसिस पॉइन्ट की कटौती, लोन में सुविधा; जानें आरबीआई की MPC बैठक की मुख्य बातें

कारोबारShare Market Today: RBI के ब्याज दर कटौती से शेयर बाजार में तेजी, घरेलू शेयरों ने पकड़ी रफ्तार

भारतRBI MPC Meet: लोन होंगे सस्ते, RBI ने रेपो रेट 25 बेसिस पॉइंट्स घटाकर 5.25% किया

कारोबारRupee vs Dollar: अब तक के सबसे निचले स्तर पर रुपया, डॉलर के मुकाबले 28 पैसे टूटा; जानें कैसे उठेगा

कारोबार अधिक खबरें

कारोबारPetrol-Diesel Price Today: टंकी फूल कराने से पहले यहां चेक करें तेल के लेटेस्ट दाम, जानें कहां मिल रहा सस्ता ईंधन

कारोबारGPS Spoofing: 'इसे हल्के में मत लो!' अंकुर चंद्रकांत का अलर्ट हुआ वायरल, कौन हैं निशाने पर?

कारोबारGold-Silver Price Today: सोना 600 रुपये गिरकर 1,31,600 रुपये प्रति 10 ग्राम पर, चांदी में 900 रुपये की नरमी

कारोबारGold Rate Today: शादियों के सीजन में महंगा हुआ सोना, जानें 4 दिसंबर 2025 को दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर, चेन्नई, हैदराबाद और कोलकाता में सोने की कीमत

कारोबारShare Market Today: 4 दिनों की गिरावट पर लगाम, सेंसेक्स 158 अंक चढ़ा