Reserve Bank of India 2023: रिजर्व बैंक ने केंद्रीकृत पोर्टल शुरू करने का फैसला किया, यहां देखें बैंक लिस्ट
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 6, 2023 04:12 PM2023-04-06T16:12:12+5:302023-04-06T16:12:54+5:30
Reserve Bank of India 2023: भारतीय रिजर्व बैंक ने रबी फसल बेहतर रहने की संभावना, जिंसों के दाम में नरमी तथा सरकार की अधिक पूंजीगत व्यय की योजना के साथ बृहस्पतिवार को चालू वित्त वर्ष के लिये आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को मामूली बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया।
Reserve Bank of India 2023: भारतीय रिजर्व बैंक ने विभिन्न बैंकों में बिना दावे वाली जमा राशि का पता लगाने के लिए एक केंद्रीकृत पोर्टल शुरू करने का फैसला किया है। बैंकों में बड़ी मात्रा में ऐसे खाते हैं जिनमें जिनमें बरसों से कोई लेनदेन नहीं हुआ है।
फरवरी, 2023 तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने रिजर्व बैंक को करीब 35,000 करोड़ रुपये की ऐसी जमा स्थानांतरित की है, जिनमें पिछले 10 साल से कोई लेनदेन नहीं हुआ है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बृहस्पतिवार को चालू वित्त वर्ष की पहली मौद्रिक समीक्षा बैठक के नतीजों की घोषणा करते हुए कहा कि जमाकर्ताओं और लाभार्थियों की पहुंच को व्यापक करने और उसमें सुधार के लिए एक वेब पोर्टल बनाने का फैसला किया गया है। इसके जरिये विभिन्न बैंकों में जमा बिना दावे वाली राशि का पता लगाया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि ‘सर्च’ के नतीजों को बेहतर करने के लिए कृत्रिम मेधा (एआई) माध्यम का इस्तेमाल किया जाएगा। सबसे अधिक 8,086 करोड़ रुपये की बिना दावे वाली राशि भारतीय स्टेट बैंक में जमा है। इसके बाद पंजाब नेशनल बैंक में 5,340 करोड़ रुपये की बिना दावे वाली राशि है। केनरा बैंक में ऐसी जमा राशि 4,558 करोड़ रुपये और बैंक ऑफ बड़ौदा (बॉब) में 3,904 करोड़ रुपये है।
बैंकों के पास जिस जमाराशि पर 10 साल तक कोई दावा नहीं किया जाता है उसे रिजर्व बैंक के ‘जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता (डीईए)’ कोष में स्थानांतरित कर दिया जाता है। दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक इस उद्देश्य के साथ काम करता है कि कोई भी नई जमा बिना दावे वाली राशि में नहीं आए। इसके अलावा जो राशि बिना दावे के पड़ी है उसे उसके सही लाभार्थी को निर्धारित प्रक्रिया के जरिये दिया लौटाया जाए। दूसरे पहलू पर उन्होंने कहा कि बैंक बिना दावे वाली राशि की सूची अपनी वेबसाइट पर दिखाएंगे।
रेपो दर में वृद्धि अभी रोकी है, पर यह ‘सिर्फ इस बैठक के लिए’ है: शक्तिकांत दास
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने स्पष्ट किया है कि इस बार प्रमुख नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला स्थायी नहीं है। उन्होंने कहा कि इस कदम को भविष्य के संकेतक के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए, क्योंकि केंद्रीय बैंक जरूरत होने पर दरों में और वृद्धि करने में ‘हिचकिचाएगा’ नहीं।
चालू वित्त वर्ष की पहली मौद्रिक समीक्षा बैठक के बाद दास ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) भविष्य में ब्याज दर के मोर्चे पर जरूरत के लिहाज से कदम उठाएगी। दास ने कहा, ‘‘यदि मुझे एक लाइन में आज की मौद्रिक समीक्षा के बारे में बोलना हो, तो मैं यही कहूंगा कि रेपो दर में बदलाव नहीं हुआ है, लेकिन यह कदम स्थायी नहीं है।’’
इससे पहले दिन में छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति ने सर्वसम्मति से रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर कायम रखने का फैसला किया। हालांकि, केंद्रीय बैंक का यह फैसला विश्लेषकों के लिए हैरान करने वाला है। विश्लेषक मान रहे थे कि रिजर्व बैंक नीतिगत दर में बढ़ोतरी को रोकने से पहले रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की एक और वृद्धि करेगा।
रिजर्व बैंक ने मई, 2022 से रेपो दर में ढाई प्रतिशत की वृद्धि की है। दास ने कहा कि रिजर्व बैंक नीतिगत दर में अबतक की गई वृद्धि के प्रभाव का आकलन करना चाहेगा। दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक का मुद्रास्फीति को निर्णायक रूप से नीचे लाने का काम समाप्त नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा की प्राथमिकता मूल्य स्थिरता है।
मौद्रिक समीक्षा की घोषणा करते हुए दास ने कहा कि रेपो दर को यथावत रखने का यह निर्णय ‘सिर्फ इसी बैठक के लिए’ है। रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा ने कहा कि कच्चे तेल का औसत दाम 85 प्रति डॉलर पर रहने के अनुमान के आधार पर रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को मामूली बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है। अनुमान 90 डॉलर प्रति बैरल पर आधारित था।
वित्त वर्ष 2023-24 की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रबी फसल उत्पादन बेहतर रहने का अनुमान है। इससे कृषि क्षेत्र और ग्रामीण मांग बेहतर रहने की संभावना बढ़ी है। उन्होंने कहा कि संपर्क से जुड़े सेवा क्षेत्रों में (होटल, रेस्तरां आदि) में वृद्धि सकारात्मक रहने की संभावना है।
इसके साथ सरकार का पूंजी व्यय पर जोर, क्षमता उपयोग दीर्घकालीन औसत से अधिक होने तथा जिंसों के दाम में नरमी से विनिर्माण और निवेश गतिविधियों में तेजी आनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘इन सब चीजों को देखते हुए चालू वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
वहीं चालू वित्त वर्ष की पहली, दूसरी, तीसरी और चौथी तिमाही में वृद्धि दर के क्रमश: 7.8 प्रतिशत, 6.2 प्रतिशत, 6.1 प्रतिशत और 5.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। मौजूदा स्थिति में जोखिम दोनों तरफ बराबर है।’’ हालांकि, दास ने कहा कि वैश्विक स्तर पर चुनौतियां बढ़ी हैं और इससे बाह्य यानी वैश्विक मांग पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
वैश्विक स्तर पर दबाव बने रहने तथा वैश्विक वित्तीय बाजार में उतार-चढ़ाव से परिदृश्य के नीचे जाने का जोखिम है। रबी फसलों का उत्पादन 2022-23 में 6.2 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है। अनुकूल घरेलू मांग के साथ नये कारोबारी ऑर्डर से पीएमआई (परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स) विनिर्माण और पीएमआई सेवा में मार्च में विस्तार हुआ।
पीएमआई विनिर्माण मार्च में 56.4 अंक और पीएमआई सेवा 57.8 रहा। विश्व बैंक ने भारत के बारे में अपनी ताजा रिपोर्ट में चालू वित्त वर्ष में देश की जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया है जबकि पूर्व में इसके 6.6 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गयी थी।