RBI Repo Rate : आरबीआई मौद्रिक नीति समिति ने दो दिन की बैठक के बाद 8 फरवरी को फैसले लेते हुए बताया कि अभी किसी रेपो दर में कोई बदलाव नहीं होगी। इसके साथ ही ये भी बताया कि पहले से चली आ रही रेपो दर 6.5 फीसदी अगली बैठक तक यही रहेगी।
आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास की अगुवाई में हुई मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) रिव्यू मीटिंग के बाद इसका ऐलान किया है। यदि, आरबीआई रेपो रेट में कोई बदलाव या कटौती होती तो आम लोगों को कर्ज मिलने और उसपर लगने वाली किश्त भी कम होती।
आज जो दरों के बारे में मौद्रिक नीति कमेटी ने बताया है, इसको लेकर एक्सपर्ट्स ने कहा था कि आगामी नीतियों में इसमें कोई बदलाव नहीं होगी। वहीं, हाल में अमेरिकी फेड बैंक और बैंक ऑफ इंग्लैंड ने भी रेपो रेट में लगभग ऐसी ही घोषणा की थी। ऐसे में छठी बार कोई बदलाव नहीं होने की बात समिति ने दी है। इससे पहले फरवरी 2023 में मीटिंग हुई थी, जिसमें 6.25 रेपो रेट बढ़ाई थी।
यह निर्णय ऐसे समय में आया है, जब केंद्र सरकार की ओर से अंतरिम बजट में कुछ नई घोषणाएं नहीं हुई। उम्मीद जताई थी कि समिति पिछले पांच निर्णयों में देखी गई प्रवृत्ति को जारी रखते हुए मौजूदा रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखेगी। इस रुख से समिति का मकसद 4 फीसदी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति लक्ष्य को प्राप्त करना है।
मौद्रिक नीति समिति ने बताया कि अप्रैल-दिसंबर 2023 में मुद्रास्फीति घटकर 5.5 फीसदी हुई, जो वित्त-वर्ष 23 में 6.7 फीसदी थी। वित्त-वर्ष 24 के लिए हेडलाइन सीपीआई मुद्रास्फीति 5.4% है, वित्त-वर्ष 24 चौथी तिमाही के लिए अनुमान के साथ, वर्तमान तिमाही 4 5 फीसदी बताई है। अभी की चली रही तिमाही के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति का अनुमान 4.5% है।
वहीं, आगे की वित्तीय वर्ष 25 पहली तिमाही के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति का अनुमान 5 फीसदी है, वित्तीय-वर्ष 25 की दूसरी तिमाही के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति 4 फीसदी का अनुमान जताया है। दूसरी तरफ वित्तीय-वर्ष 25 की तीसरी तिमाही के लिए के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति 4.6 फीसदी का अनुमान है, जबकि वित्त-वर्ष 25 की चौथी तिमाही की सीपीआई मुद्रास्फीति का 4.7 फीसदी का अनुमान है।