रांचीः क्रिकेट की दुनिया में परचम लहराने के बाद अब महेंद्र सिंह धोनी खेती में रमते जा रहे हैं। टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के फार्म हाउस के उत्पादों की बाजार में काफी मांग है। दरअसल, धोनी अपने अनोखे शौक के लिए जाने जाते हैं। जब से उन्होंने भारतीय क्रिकेट से संन्यास लिया है, तब से वे कई तरह की गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं। सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि धोनी के फार्म हाउस की सब्जियां रांची के बाजारों में आते ही तुरंत बिक जा रही हैं। इसके पहले धोनी ने खेती के लिए एक ट्रैक्टर खरीदी थी, जिसे चलाते हुआ उनका वीडियो वायरल हुआ था।
इससे पहले लगभग चार महीने पूर्व अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में धौनी ने कहा था कि पिछले 20 दिनों से वे पपीते के बाद तरबूज की जैविक खेती का प्रशिक्षण ले रहे थे। लगभग एक साल से क्रिकेट से दूर चल रहे हैं माही के संन्यास को लेकर जहां अटकलों का बाजार गर्म है, वहीं इन सबसे दूर माही अपने नए काम में लगे हुए हैं।
रांची स्थित अपने फार्म हाउस में ऑर्गेनिक खेती करके सबको चौंका दिया है। धोनी के रांची स्थित फार्म हाउस का नाम है ईजा। उनकी पत्नी साक्षी सिंह धोनी की जन्मस्थली उत्तराखंड में ईजा भाषा का शाब्दिक अर्थ होता है- मां। एमएस धोनी के फार्म हाउस 'ईजा' के मेन गेट पर लिखा हुआ है- 'ग्रोविंग विद लव', अर्थात प्रेम के साथ वृद्धि।
सूत्रों के मुताबिक, रांची के बाजारों में महेंद्र सिंह धोनी के फार्म हाउस के उत्पाद की खूब डिमांड है। धोनी का फार्म हाउस रांची के सेम्बो गांव में रिंग रोड पर स्थित है। सूत्रों के मुताबिक, धोनी के 10 एकड़ खेत में पैदा होने वाले ताजे फलों और सब्जियों में स्ट्रॉबेरी, गोभी, टमाटर, ब्रोकली, मटर, हॉक और पपीता शामिल हैं। उनके फार्म हाउस में उगाए जाने वाले गोभी, टमाटर और मटर की रांची में भारी मांग है।
धोनी के फार्म हाउस के उत्पाद विदेशों में भी भेजे जा रहे हैं। धोनी देश के कई प्रमुख ब्रांडों से जुड़े हैं और हर साल करोड़ों कमाते हैं। धोनी इन दिनों इंटीग्रेटेड फार्मिंग सिस्टम (आईएफएस) के तहत ऑर्गेनिक खेती कर सब्जियों के अलावा डेयरी फार्म से दूध और तालाब की मछलियों को बेच कर चर्चा में हैं। वहीं उन्होंने सेहत के फायदेमंद कड़कनाथ मुर्गा की भी फॉर्मिंग करने की योजना बनाई है।
धोनी खुद इंटीग्रेटेड फार्मिंग कर झारखंड के अलावा देशभर के किसानों को प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराना चाहते हैं और युवाओं का खेती-किसानी और पशुपालन को लेकर नजरिया भी बदलने का इरादा रखते हैं। इसके साथ ही धोनी रांची के नगड़ी प्रखंड अंतर्गत हल्हू गांव में लगभग 43 एकड़ भूमि पर इंटीग्रेटेड फार्मिंग सिस्टम यानी आईएफएस के तहत खेती, बागवानी और पशुपालन कर रहे हैं।
फार्मिंग टीम के सलाहकार रौशन कुमार बताते हैं की फिलहाल आम अमरूद, पपीता, स्ट्रॉबेरी, गोभी, प्याज और टमाटर की खेती की बड़े पैमाने पर की जा रही है। उन्होंने बताया कि फॉर्म हाउस में मिक्स फॉर्मिंग की जा रही है, यहां उन्नत किस्म की खेती की जाती है।