Petrol-Diesel Price Today: हर दिन की तरह तेल विपणन कंपनियों ने 18 जून 2025 को ईंधन के नए दाम जारी कर दिए हैं। तेल विपणन कंपनियाँ (OMC) प्रतिदिन सुबह 6 बजे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में संशोधन करती हैं, जो वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों और मुद्रा विनिमय दरों में होने वाले बदलावों को दर्शाती हैं। ये नियमित अपडेट पारदर्शिता सुनिश्चित करते हैं और उपभोक्ताओं को सबसे सटीक और वर्तमान ईंधन मूल्य स्थिति प्रदान करते हैं।
18 जून 2025 को भारत के प्रमुख शहरों में पेट्रोल, डीजल और सीएनजी की कीमतें
पेट्रोल (प्रति लीटर):
दिल्ली: ₹94.72 - ₹94.77मुंबई: ₹103.50 - ₹104.22कोलकाता: ₹105.41चेन्नई: ₹100.80 - ₹102.05बेंगलुरु: ₹102.92 - ₹103.33पुणे: ₹104.12लखनऊ: ₹94.69 - ₹96.57नोएडा: ₹94.87गुरुग्राम: ₹95.11जयपुर: ₹104.72अहमदाबाद: ₹94.65पटना: ₹105.18 - ₹106.19 (कुछ रिपोर्टों में ₹94.04 भी)
डीजल (प्रति लीटर):
दिल्ली: ₹87.67मुंबई: ₹94.27चेन्नई: ₹92.39बेंगलुरु: ₹90.99गुरुग्राम: ₹87.97जयपुर: ₹90.21अहमदाबाद: ₹90.32पुणे: ₹92.58लखनऊ: ₹90.14नोएडा: ₹90.14पटना: ₹94.04 (कुछ रिपोर्टों में ₹93.2 भी)
सीएनजी (प्रति किलोग्राम):
दिल्ली: ₹76.09 - ₹76.59मुंबई: ₹77.00 - ₹78.00चेन्नई: ₹91.50कोलकाता: ₹90.00बेंगलुरु: ₹89.00गुरुग्राम: ₹82.12नोएडा: ₹81.70गांधीनगर: ₹79.26लखनऊ: ₹96.75अहमदाबाद: ₹81.38
पेट्रोल और डीजल के दाम को प्रभावित करने वाले कारक
अंतर्राष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतें: भारत अपनी तेल ज़रूरतों का लगभग 85% आयात करता है। इसलिए, वैश्विक कच्चे तेल (ब्रेंट क्रूड) की कीमतों में उतार-चढ़ाव का सीधा असर भारत में पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों पर पड़ता है।
विनिमय दर (रुपये बनाम अमेरिकी डॉलर): चूंकि कच्चे तेल का आयात अमेरिकी डॉलर में होता है, रुपये के मुकाबले डॉलर की मजबूती से आयात महंगा हो जाता है, जिससे घरेलू कीमतें बढ़ जाती हैं।
केंद्र सरकार का उत्पाद शुल्क (Excise Duty): केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क लगाया जाता है। यह एक निश्चित राशि होती है, न कि प्रतिशत, इसलिए कच्चे तेल की कीमतों में बदलाव के साथ यह सीधे नहीं बदलता है, लेकिन सरकार इसे बढ़ा या घटा सकती है।
राज्य सरकार का मूल्य वर्धित कर (VAT): विभिन्न राज्य सरकारें वैट लगाती हैं, जिसकी दरें राज्यों के अनुसार अलग-अलग होती हैं। यह राज्य सरकारों के राजस्व का एक महत्वपूर्ण स्रोत है और कीमतों में क्षेत्रीय भिन्नता का एक बड़ा कारण है।
रिफाइनिंग और वितरण लागत: कच्चे तेल को पेट्रोल और डीजल में बदलने की लागत (रिफाइनिंग) और फिर इसे रिफाइनरियों से पेट्रोल पंपों तक पहुंचाने की लागत (वितरण) भी अंतिम कीमत में शामिल होती है।
डीलरों का कमीशन: पेट्रोल पंप मालिकों को तेल विपणन कंपनियों (OMCs) द्वारा एक निश्चित कमीशन दिया जाता है, जो खुदरा मूल्य का हिस्सा होता है।
वैश्विक आपूर्ति और मांग: अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की आपूर्ति और मांग का संतुलन कीमतों को प्रभावित करता है। आपूर्ति में कमी या मांग में वृद्धि से कीमतें बढ़ सकती हैं।
भू-राजनीतिक कारक: युद्ध, राजनीतिक अस्थिरता, या तेल उत्पादक क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदाएं आपूर्ति को बाधित कर सकती हैं और कीमतों में तेज वृद्धि कर सकती हैं।