मुंबईः विज्ञापन जगत के दिग्गज पीयूष पांडे का शुक्रवार को निधन हो गया। फेविकोल, कैडबरी और एशियन पेंट्स सहित दुनिया के कई विज्ञापन लिखकर धाक जमा दी। पद्म श्री से सम्मानित और भारतीय विज्ञापन जगत के निर्माता पीयूष पांडे ने 70 वर्ष की आयु में दुनिया को अलविदा कहा। ओगिल्वी के कार्यकारी अध्यक्ष और मुख्य रचनात्मक अधिकारी पांडे को आधुनिक भारतीय विज्ञापन के निर्माता के रूप में व्यापक रूप से माना जाता था। वह "एक संक्रमण से जूझ रहे थे जिसने एक गंभीर रूप ले लिया।" प्रणव अदाणी ने एक्स सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किया।
मेरे बेहद प्यारे दोस्त पीयूष पांडे के निधन से स्तब्ध हूँ। वह एक रचनात्मक प्रतिभा थे जिन्होंने भारतीय विज्ञापन जगत को एक वैश्विक शक्ति के रूप में आकार दिया। उनके विचार उद्योग के मानक थे और उन्होंने कहानीकारों की कई पीढ़ियों को प्रेरित किया है। उनकी गर्मजोशी और बुद्धिमता की बहुत कमी खलेगी। पांडे का करियर कई प्रतिष्ठित अभियानों का रहा जो एक सांस्कृतिक घटना बन गए।
कई विज्ञापनों के लिए लोकप्रिय और यादगार स्लोगन लिखने वाले विज्ञापन जगत के दिग्गज पीयूष पांडे का शुक्रवार तड़के निधन हो गया। वह 70 साल के थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय मंत्रियों.. निर्मला सीतारमण और पीयूष गोयल ने पांडे के निधन पर दुख जताया। माना जाता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए 2014 के चुनाव प्रचार में पांडे ने अहम भूमिका निभाई थी।
मोदी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘पीयूष पांडे जी की रचनात्मक प्रतिभा को हर किसी ने सराहा। उन्होंने विज्ञापन और संचार की दुनिया में अभूतपूर्व योगदान दिया। मैं वर्षों में उनके साथ हुई बातचीत को हमेशा याद रखूंगा। उनके निधन से दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं।’’
सीतारमण ने पांडे को भारतीय विज्ञापन जगत की “महान और दिग्गज शख्सियत” बताया। उन्होंने कहा कि पांडे सामान्य बोलचाल की भाषा और देसी अंदाज के जरिए विज्ञापन की दुनिया में नया बदलाव लाए। वित्त मंत्री ने कहा कि कई मौकों पर उनकी पीयूष पांडे से मुलाकात हुई और उनका काम आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि पांडे विज्ञापन की दुनिया में एक असाधारण शख्सियत थे और उनकी रचनात्मक सोच ने कहानी कहने के तरीके को बदल दिया। वाणिज्य मंत्रालय संभाल रहे गोयल ने कहा, ‘‘मेरे लिए वह एक ऐसे दोस्त थे, जिनकी सच्चाई, अपनापन और हाजिरजवाबी में उनकी काबिलियत झलकती थी।”
भारत की बड़ी-बड़ी कंपनियों और विज्ञापन जगत के लोगों ने पीयूष पांडे को श्रद्धांजलि दी। कई लोगों ने उनके साथ अपने निजी अनुभव साझा किए और ‘एशियन पेंट्स’, ‘फेविकोल’ और ‘कैडबरी’ जैसे ब्रांड के उनके बनाए लोकप्रिय विज्ञापनों को याद किया।
जयपुर में जन्मे पांडे पिछले कुछ वर्षों से अपनी एजेंसी ‘ओगिल्वी’ से सलाहकार के तौर पर जुड़े हुए थे, क्योंकि उन्होंने सक्रिय भूमिका से कुछ समय का विराम लिया हुआ था। पीयूष पांडे ने 1980 के दशक के अंत में सरकार द्वारा निर्मित और बेहद लोकप्रिय गीत ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा’ के बोल लिखे थे, जो भारत की समृद्ध विविधता का परिचायक है।
उन्होंने भारत के सबसे यादगार राजनीतिक नारों में से एक "अब की बार, मोदी सरकार" को गढ़ने में मदद की। उनका अंतिम संस्कार सुबह 11 बजे मुंबई के शिवाजी पार्क में किया जाएगा। भारतीय विज्ञापन जगत की आवाज़ पांडे लगभग चार दशकों से विज्ञापन उद्योग में कार्यरत थे। वे ओगिल्वी के विश्वव्यापी मुख्य रचनात्मक अधिकारी और भारत में कार्यकारी अध्यक्ष थे।