पटनाः केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को बिहार के बोधगया में 3700 करोड़ रुपये की लागत से छह प्रमुख सड़क परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। कार्यक्रम की शुरुआत परंपरागत स्वागत के साथ हुई। इस दौरान बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी, राज्य सरकार के मंत्री डॉ. प्रेम कुमार और विधायक वीरेंद्र सिंह जैसे प्रमुख नेता मंच पर उपस्थित रहे। सभी अतिथियों का अंगवस्त्र पहनाकर सम्मान किया गया। इसके बाद नितिन गडकरी ने बिहार आर्थिक परिषद के 22वें अधिवेशन का उद्घाटन किया।
इस दो दिवसीय अधिवेशन में प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों, विद्वानों और शोधार्थियों का जुटान हुआ है। नितिन गडकरी ने अपने संबोधन में कहा कि ये सड़क परियोजनाएं न केवल गया और आसपास के इलाकों की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएंगी, बल्कि राज्य के आर्थिक और पर्यटन क्षेत्र में भी नए अवसर लेकर आएंगी।
उन्होंने जोर दिया कि सड़कें केवल परिवहन का साधन नहीं, बल्कि विकास की रीढ़ होती हैं। उन्होंने कहा कि बिहार की सड़कों को अगले चार साल में वो अमेरिका की तरह बना देंगे। वहीं जात-पात को लेकर उनके तेवर सख्त दिखे और उन्होंने इससे दूर होने की सलाह दी। गडकरी ने कहा कि गरीब आदमी के जीवन को बदलना भी जरूरी है। समस्या को देखकर यहां की पॉलिसी बननी चाहिए।
अमेरिका की किताब में क्या लिखा है वो देखकर बिहार में बताएंगे तो ये नहीं चलेगा। हम अमेरिका थोड़ी हैं। गडकरी ने कहा कि मैं ऐसा व्यक्ति हूं जो कहता है मेरे पास पैसे की कमी नहीं है। मैं दो-तीन हजार करोड़ से नीचे के कार्यक्रम में जाता ही नहीं हूं। उन्होंने कहा कि इस देश में पैसे की कमी नहीं है बल्कि ईमानदारी से देश के लिए काम करने वालों की कमी है।
समाज और देश के लिए कमिटमेंट, पारदर्शिता, भ्रष्टाचार के बिना चलने वाले सिस्टम और समय की प्रतिबद्धता को उन्होंने देश को विश्वगुरू बनाने का जरिया बताया। उन्होंने कहा कि ये बुद्ध की धरती है। गडकरी ने जात पात पर भी कड़ा प्रहार किया और कहा कि मैंने सुना कि बिहार में कोई काम जाति के बिना होता ही नहीं है।
मैं सांसद हूं। मैंने कहा कि जो जात की बात करेगा उसको ठोकूंगा। आदमी उसके जात नहीं बल्कि उसके गुणों से बड़ा है। आप कभी किसी रेस्टोरेंट में जात पूछते हो क्या? ऑपरेशन के समय जात नहीं आपको अच्छा डॉक्टर खोजना है फिर जाति की बात क्यों करते हो? आदमी अपने गुणों से पूछा जाता है।