NHAI Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज बजट पेश किया। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के मंत्री नितिन गडकरी पर सीतारमण मेहरबान है। सरकार ने शनिवार को पेश किए गए आम बजट 2025-26 में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के लिए 2,87,333.16 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। यह राशि इससे पिछले वित्त वर्ष के 2,80,518.80 करोड़ रुपये के परिव्यय से 2.41 प्रतिशत अधिक है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के लिए आवंटन भी सालाना आधार पर 1,693,71 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1,878,03 करोड़ रुपये कर दिया। चालू वित्त वर्ष की शुरुआत में एनएचएआई का कुल कर्ज 3.35 लाख करोड़ रुपये आंका गया था, जो वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही के अंत में लगभग 2.76 लाख करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में राजमार्ग विकासकर्ताओं के कर्ज को कम करने के लिए एनएचएआई के उधार लेने का कोई प्रावधान नहीं किया गया है।
बजट में नागर विमानन मंत्रालय के लिए 2,400 करोड़ रुपये का प्रस्ताव; ‘उड़ान’ के लिए आवंटन घटा
संसद में शनिवार को पेश वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में नागर विमानन मंत्रालय के लिए आवंटन लगभग 10 प्रतिशत घटाकर 2,400.31 करोड़ रुपये कर दिया गया है। वहीं, क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना ‘उड़ान’ के लिए भी आवंटन घटाकर 540 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए केंद्रीय बजट 2025-26 में आवंटन 2024-25 के संशोधित बजट 2,658.68 करोड़ रुपये की तुलना में कम है। एक अप्रैल, 2025 से शुरू होने वाले अगले वित्त वर्ष के लिए कुल आवंटन में से ‘उड़ान’ को 540 करोड़ रुपये मिलेंगे, जो कि एक पिछले साल के 800 करोड़ रुपये के आवंटन की तुलना में 32 प्रतिशत कम है।
दिलचस्प बात यह है कि सीतारमण ने घोषणा की है कि ‘उड़ान’ (उड़े देश का आम नागरिक) योजना को संशोधित कर 120 नए गंतव्यों को जोड़ा जाएगा। बजट दस्तावेजों के अनुसार, 2025-26 के लिए नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) और नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) के लिए आवंटन मामूली रूप से बढ़ाकर क्रमशः 330 करोड़ रुपये और 95 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
अगले वित्त वर्ष में एयर इंडिया एसेट होल्डिंग लिमिटेड (एआईएएचएल) को चालू वित्त वर्ष के 1,017.67 करोड़ रुपये की तुलना में थोड़ा अधिक 1,025.51 करोड़ रुपये का आवंटन मिलेगा। बजट दस्तावेजों के अनुसार, उड़ान योजना के लिए आवंटन हवाई अड्डों के पुनरुद्धार और आरसीएस मार्गों की शुरुआत, पूर्वोत्तर से कनेक्टिविटी के लिए व्यवहार्यता अंतर को पाटने के लिए है।
इसमें कहा गया, “पूर्वोत्तर क्षेत्र में संपर्क में सुधार के लिए, हवाई संपर्क और विमानन बुनियादी ढांचा प्रदान करने के लिए एक नई योजना भी तैयार की गई है।” भारत विश्व के सबसे तेजी से बढ़ते नागर विमानन बाजारों में से एक है।