Income Tax Rules: देश में 1 अप्रैल, 2026 से पूरी तरह से नया इनकम टैक्स एक्ट लागू हो जाएगा। इनकम टैक्स एक्ट, 2025, पुराने 1961 के इनकम टैक्स एक्ट की जगह लेगा। पार्लियामेंट ने इसे 12 अगस्त को पास किया था। सोमवार को सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ डायरेक्ट टैक्सेस (CBDT) के चीफ रवि अग्रवाल ने कहा कि नए कानून से ITR फॉर्म और दूसरे सभी फॉर्म पूरी तरह से आसान और स्ट्रीमलाइन किए जा रहे हैं। CBDT चीफ रवि अग्रवाल ने सोमवार को कहा कि इसका मकसद टैक्स कम्प्लायंस को आसान बनाना और इसे टैक्सपेयर के लिए ज्यादा फ्रेंडली बनाना है।
इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर (IITF) में टैक्सपेयर्स लाउंज का उद्घाटन करने के बाद रिपोर्टर्स से बात करते हुए अग्रवाल ने कहा, “हम फॉर्म और नियम तैयार करने के प्रोसेस में हैं। हम उन्हें जनवरी तक लागू करने की दिशा में काम कर रहे हैं, ताकि टैक्सपेयर्स के पास अपने सिस्टम के अंदर अपने प्रोसेस को बेहतर बनाने के लिए काफी समय हो।”
जनवरी तक नए फॉर्म तैयार हो जाएंगे
CBDT चीफ ने कहा कि सभी ITR फॉर्म, तिमाही TDS रिटर्न और दूसरे फॉर्म को अभी रीडिज़ाइन किया जा रहा है। डायरेक्टरेट ऑफ़ सिस्टम्स और टैक्स पॉलिसी डिवीज़न मिलकर काम कर रहे हैं। लक्ष्य यह है कि जनवरी 2026 तक सभी फ़ॉर्म और नियम तैयार हो जाएं, ताकि टैक्सपेयर्स को अपने सॉफ़्टवेयर और प्रोसेस को अपनाने के लिए काफ़ी समय मिल सके।
नया कानून कब लागू होगा?
इनकम टैक्स एक्ट 2025 अगले फ़ाइनेंशियल ईयर, 2026-27 (1 अप्रैल, 2026) से लागू होगा। नया एक्ट टैक्स कानूनों को आसान बनाएगा और मुश्किल शब्दों को कम करेगा, जिससे उन्हें समझना आसान हो जाएगा। नया कानून कोई नया टैक्स रेट नहीं लाता है और सिर्फ़ भाषा को आसान बनाता है, जो मुश्किल इनकम टैक्स कानूनों को समझने के लिए ज़रूरी है। नया कानून गैर-ज़रूरी नियमों और पुरानी भाषा को हटाता है।
इनकम टैक्स एक्ट 1961 में सेक्शन की संख्या 819 से घटाकर 536 कर दी गई है, और चैप्टर की संख्या 47 से घटाकर 23 कर दी गई है। नए कानून में शब्दों की संख्या 512,000 से घटाकर 260,000 कर दी गई है। इसके अलावा, क्लैरिटी बढ़ाने के लिए 1961 एक्ट के कंडेंस्ड टेक्स्ट की जगह 39 नए टेबल और 40 नए फॉर्मूले जोड़े गए हैं।