दूरसंचार सेवाओं की दरें तार्किक नहीं, बढ़ाने की जरूरत: सुनील मित्तल

By भाषा | Published: November 22, 2020 03:31 PM2020-11-22T15:31:59+5:302020-11-22T15:31:59+5:30

Need to increase telecom services rates, not logical: Sunil Mittal | दूरसंचार सेवाओं की दरें तार्किक नहीं, बढ़ाने की जरूरत: सुनील मित्तल

दूरसंचार सेवाओं की दरें तार्किक नहीं, बढ़ाने की जरूरत: सुनील मित्तल

नयी दिल्ली, 22 नवंबर दूरसंचार सेवाप्रदाता कंपनी भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल का कहना है कि अभी मोबाइल सेवाओं की दरें तार्किक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा दरों पर बाजार में बने रहना मुश्किल है, अत: दरों में बढ़ोतरी अपरिहार्य है। उन्होंने कहा कि इस बारे में कोई निर्णय लेने से पहले बाजार की परिस्थितियों को देखा जायेगा।

मित्तल ने पीटीआई-भाषा को दिये एक साक्षात्कार में ये बातें कहीं।

अगली पीढ़ी के 5जी नेटवर्क में चीन की दूरसंचार उपकरण विनिर्माताओं को भागीदारी की मंजूरी मिलेगी या नहीं, इस बारे में पूछे जाने पर मित्तल ने कहा कि बड़ा सवाल देश के निर्णय का है। देश जो भी निर्णय लेगा, हर कोई उसे स्वीकार करेगा।

उन्होंने कहा, जहां तक दूरसंचार सेवाओं की दरों का सवाल है, कंपनी ने (एयरटेल ने) इस बारे में अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। एयरटेल मजबूती से यह मानती है कि दरों में वृद्धि की जानी चाहिये।

मित्तल ने कहा, ‘‘मौजूदा दरें टिकाऊ नहीं हैं, लेकिन एयरटेल बिना बाजार के या नियामक के कदम उठाये खुद से पहल नहीं कर सकती है। उद्योग जगत को एक समय पर दरें बढ़ाने की जरूरत होगी। हमें ऐसा करते समय बाजार की परिस्थितियों को देखना होगा।’’

मित्तल से यह पूछा गया था कि भारतीय बाजार में दूरसंचार सेवाओं की दरें बढ़ाने के लिये क्या समय अपरिहार्य लगता है और क्या एयरटेल इस दिशा में पहल करेगी या प्रतिस्पर्धियों के कदम उठाने की प्रतीक्षा करेगी?

उल्लेखनीय है कि मित्तल ने इस साल अगस्त में इस बारे में टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि 160 रुपये में एक महीने के लिये 16 जीबी डेटा देना त्रासदी है। कंपनी का कहना रहा है कि टिकाऊ कारोबार के लिये प्रति ग्राहक औसत राजस्व को पहले 200 रुपये और धीरे-धीरे बढ़कर 300 रुपये तक पहुंचना चाहिये। सितंबर तिमाही में भारती एयरटेल का प्रति ग्राहक औसत राजस्व (एआरपीयू) 162 रुपये रहा था। यह राजस्व इससे पहले जून, 2020 तिमाही में 128 रुपये और जून, 2019 तिमाही में 157 रुपये रहा था।

मित्तल ने एक बार फिर से दूरसंचार क्षेत्र में कर की ऊंची दरों तथा अधिक शुल्कों की बात दोहरायी। उन्होंने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र अधिक पूंजी लगाने की जरूरत वाला क्षेत्र है। इसमें नेटवर्क, स्पेक्ट्रम, टावर और प्रौद्योगिकी में लगातार निवेश करते रहने की जरूरत होती है।

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