नई दिल्लीः चांदनी चौक के परांठे, मोदीनगर की शिकंजी और मेरठ की गजक अब दिल्ली और मेरठ के लोगों के लिए एक घंटे से भी कम समय में पहुंच में होंगे। ‘नमो भारत’ क्षेत्रीय त्वरित पारगमन प्रणाली (आरआरटीएस) कॉरिडोर के खुलने से यह संभव हो पा रहा है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) के अनुसार, दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर भैसाली स्टेशन बनने से मेरठ के मिठाई बाजारों में भी ज्यादा पर्यटकों के आने की उम्मीद है। शहर की त्योहारी परंपराओं से जुड़े रेवड़ी और गजक, बाहरी लोगों के लिए भी आसानी से उपलब्ध हो सकेंगे।
एनसीआरटीसी के मुताबिक, कॉरिडोर के खुलने से खेल प्रेमियों को भी फायदा होगा, क्योंकि भारत के खेल सामान निर्यात का करीब 40 प्रतिशत मेरठ से होता है। अधिकारियों ने कहा कि सुरजकुंड रोड स्थित मुख्य खेल बाजार ‘बेगमपुल’ स्टेशन से जुड़ जाएगा, जहां क्रिकेट बैट, हॉकी स्टिक, जिम उपकरण आदि का कारोबार होता है।
एनसीआरटीसी ने बताया कि शहीद स्मारक, औघड़नाथ मंदिर, शाही जामा मस्जिद, शाही ईदगाह और शाहपीर साहब की दरगाह जैसे ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों तक मेरठ सेंट्रल और मेरठ साउथ स्टेशनों के जरिए पहुंचा जा सकेगा। एनसीआरटीसी के मुताबिक, औपनिवेशिक दौर की धरोहरों जैसे सेंट जॉन चर्च और दिगंबर जैन मंदिर तक भी पहुंच बेहतर होगी।
एनसीआरटीसी ने कहा कि दिल्ली के आनंद विहार से मेरठ साउथ तक की यात्रा ‘नमो भारत’ ट्रेन से केवल 35 मिनट में पूरी हो रही है। अधिकारियों ने बताया कि यह सेवा यात्रियों के लिए दोनों शहरों में सांस्कृतिक धरोहरों, खान-पान के प्रमुख केंद्रों और ऐतिहासिक स्थलों तक पहुंच आसान बना रही है।
एनसीआरटीसी ने कहा कि दिल्ली के निवासी ‘नमो भारत’ ट्रेन पकड़कर मोदीनगर नॉर्थ पहुंच सकते हैं और मशहूर ‘जैन शिकंजी’ की शिकंजी का स्वाद ले सकते हैं, वहीं मेरठ से आने वाले यात्री आनंद विहार पर स्टेशन पर इंटरचेंज के बाद चांदनी चौक पहुँचकर परांठे वाली गली के परांठों का लुत्फ उठा सकते हैं।
एनसीआरटीसी ने कहा कि 'प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना' के तहत ‘मल्टी-मोडल इंटीग्रेशन’ परियोजना का अहम हिस्सा है, जिससे नमो भारत को दिल्ली मेट्रो और सिटी बस सेवा से जोड़ा जा रहा है। मेरठ मेट्रो खंड पर परीक्षण जारी है, जिसे इस कॉरिडोर से जोड़ा जाएगा।
दिल्ली से मेरठ साउथ तक 55 किलोमीटर लंबे परिचालित खंड में 11 स्टेशन हैं। पूरी तरह चालू होने पर यह सेवा पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा देगी और यात्रा समय घटाकर सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक केंद्रों तक पहुंच आसान करेगी।