नागपुरः बीते साल नवंबर से दिसंबर तक नागपुर एयरपोर्ट से उड़ान संख्या 28 से 35 डिपार्चर तक पहुंच गई थी लेकिन जनवरी के दूसरे सप्ताह से इसमें तेजी से गिरावट आई है.
औसतन 30 फ्लाइट का आंकड़ा गिरकर अब 15 के आसपास ही रह गया है. एयरलाइंस के लिए बड़ी दिक्कत ये है कि फ्लाइट घरकर आधी रह जाने के अलावा इनमें यात्री संख्या भी घटकर तकरीबन आधी रह गई है. लॉकडाउन के बाद करीब पौने दो साल तक संचालन बंद रहने के चलते विमानन कंपनियों को भारी नुकसान हुआ है.
कोरोना के बढ़ते असर और दूरी बनाए रखने की हिदायतों के बीच अब हवाई यात्री सफर से ही दूरी बनाने लगे हैं. बुकिंग पर इसका प्रभाव साफतौर पर देखा जा सकता है. लगभग दो सप्ताह में इंडिगो ने गोवा, पुणे, बेंगलुरु, इंदौर, हैदराबाद, मुंबई, लखनऊ की दोपहर वाली उड़ान, दिल्ली की दो, गो फर्स्ट ने मुंबई की एक उड़ान का संचालन फिलहाल बंद कर दिया है. एयर इंडिया की रात वाली मुंबई फ्लाइट भी बंद कर दी गई है. इसके अलावा एयरलाइंस की कुछ उड़ानें ऐसी भी हैं जो नागपुर से डिपार्ट तो हो रही हैं लेकिन आने वाली रद्द की जा रहीं हैं.
हैंड बैग ही साथ रखें
कोरोना के फिर बढ़ते प्रभाव के बीच केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सेक्युरिटी (बीसीएएस) ने आग्रह किया है कि वह यात्रियों से सफर के दौरान एक ही हैंड बैग मात्र ले जाना अनिवार्य करे.
नागपुर एयरपोर्ट सीआईएसएफ कमांडेट रवि कुमार ने कहा कि ज्यादा बैगेज होने पर स्क्रीनिंग के दौरान यात्रियों की भीड़ लग जाती है. एक ही हैंड बैग होने पर ये काम जल्द हो पाएगा और भीड़ नहीं लगेगी. सुरक्षा के मद्देनजर बीसीएएस को ये प्रस्ताव दिया गया है.