बिहार विधानसभा चुनावः महाराष्ट्र के 2 दिग्गज संभाल रहे कमान?, पर्दे के पीछे रणनीति बना रहे विनोद तावड़े और अविनाश पांडेय
By एस पी सिन्हा | Updated: November 4, 2025 16:43 IST2025-11-04T14:10:38+5:302025-11-04T16:43:28+5:30
Bihar Assembly Elections: अविनाश पांडेय नागपुर से पटना आकर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने के लिए वार रूम की कमान संभाले हुए हैं।

file photo
पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र के दो दिग्गज नेता दो राष्ट्रीय दलों के उम्मीदवारों को जीत दिलाने के लिए पटना में कैंप कर पर्दे के पीछे से मोर्चा संभाले हुए हैं। एक ओर जहां भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं बिहार भाजपा के प्रभारी विनोद तावड़े पार्टी के वार रूम में बैठकर हर गतिविधियों पर पैनी नजर रख रहे हैं तो वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस के दिग्गज नेता अविनाश पांडेय को पार्टी ने चुनावी गणित सुलझाने के लिए लगा दिया है। अविनाश पांडेय नागपुर से पटना आकर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने के लिए वार रूम की कमान संभाले हुए हैं।
हालांकि विनोद तावड़े या फिर अविनाश पांडेय चुनाव प्रचार से दूरी बनाए हुए हैं। दोनों नेता कहीं भी चुनाव प्रचार में नहीं देखे जा रहे हैं। लेकिन पार्टी प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित कराने के लिए पूरी तरह से कमर कसकर हर गतिविधि पर नजर बनाए हुए हैं। भाजपा के बिहार प्रभारी विनोद तावड़े मीडिया से बातचीत करने से भी बच रहे हैं।
लेकिन वह लगातार भाजपा के चुनावी वार रूम में बैठकर हर क्षेत्र पर नजर बनाए हुए हैं। वह पल-पल की जानकारी ले रहे हैं और चुनाव जीतने के रणनीति को अमलीजामा पहनाते हुए चुनाव प्रचार की हर गतिविधि पर नज़र बनाए हुए हैं। जानकारों की मानें तो विनोद तावड़े एनडीए उम्मीदवारों की जीत को सुनिश्चित करने के लिए अपने दल के नेताओं-कार्यकर्ताओं को लगातार दिशा निर्देश दे रहे हैं।
वह नहीं चाहते हैं कि चुनाव प्रचार और मतदाताओं को गोलबंद करने में कोई चूक रह जाए, जिससे महागठबंधन को फायदा मिल जाये। यही कारण है कि मीडिया से दूरी बनाते हुए विनोद तावड़े लगातार अपनी मुहिम में दिन रात जुटे हुए हैं। पार्टी सूत्रों की मानें तो विनोद तावडे हर उन छोटे-छोटे पहलुओं पर ध्यान रख रहे हैं, जिसकी चूक से एनडीए को नुकसान न उठाना पड़े।
उधर, कांग्रेस आलाकमान ने अविनाश पांडेय को बिहार में स्थिति मजबूत करने की जिम्मेवारी सौंप पटना में कैंप करने के लिए भेज दिया है। बता दें कि कांग्रेस को ऐसा कदम इसलिए उठाना पड़ा, क्योंकि पार्टी में टिकट बंटवारे को लेकर काफी नाराजगी बढ़ गई थी। ऐसे में पार्टी ने उन्हें संकटमोचक बनाकर बिहार भेजा है।
हालांकि इस दौरान वह भी मीडिया से दूरी बनाए हुए हैं। लेकिन सूत्रों की मानें तो चुनाव वार रूम में बैठकर वह हर गतिविधि पर नज़र बनाए हुए हैं। नाराज कांग्रेस नेताओं को समझाने के साथ-साथ महागठबंधन के पक्ष में नेताओं को जी जान लगाकर काम करने के लिए भी प्रेरित कर रहे हैं। ऐसे में बिहार में दो राष्ट्रीय दलों के संकट मोचक के तौर पर महाराष्ट्र की अहम भूमिका देखी जा सकती है।