नई दिल्ली: केंद्र सरकार इन दिनों कड़े नियम के तहत शराब के विज्ञापन पर सीधे प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रही है। इसमें सरोगेट एड और इवेंट के रूप में स्पॉन्सर किए गए विज्ञापन पर भी बैन लगाए जाएंदे। साथ ही कार्ल्सबर्ग, पेरनोड रिकार्ड और डियाजियो जैसे बड़े ब्रांड को बड़ा झटका लग सकता है, क्योंकि उन्हें भारत से अच्छा खासा राजस्व प्राप्त होता है। माना जा रहा है कि इस महीने में एक व्यापक नियम की घोषणा सरकार की ओर से की जा सकती है।
इस तरह के सरोगेट विज्ञापन अक्सर कम अल्कोहल से जुड़ी वस्तु दिखाकर प्रतिबंध से बच जाते हैं, जैसे कि पानी, संगीत सीडी या उनके प्रमुख उत्पाद से जुड़े लोगो और रंगों से सजे कांच के बर्तन और जिन्हें लोकप्रिय बॉलीवुड फिल्म सितारों द्वारा प्रचारित किए जाते हैं।
अब सरकार उन कंपनियों पर फाइन लगाएगी और फिल्मी सितारों द्वारा किए गए पान, मसाले और शराब वाले एड को भी बैन करेगी, जिसके जरिए समाज में गलत संदेश जाता है। इस बात की जानकारी रायटर्स को उपभोक्ता मंत्रालय से जुड़े सीनियर अधिकारी ने दी है।
अब घुमावदार रास्ता नहीं होगा आसानअधिकारी निधि खरे ने बताया कि अंतिम रुपरेखा पर इस महीने में ही मुहर लग सकती है और अब आप उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए घुमावदार रास्ता नहीं अपना सकेंगे। अगर हमें लगता है कि एड सरोगेट और गलत संदेश दे रहा है, फिर चाहे वो कंपनी हो या सेलेब्रिटी सब इस नियम के दायरे में आएंगे।
अधिकारी की मानें तो कार्ल्सबर्ग जैसे टुबर्ग को भारत में पीने का पानी बताकर प्रचार करती है, जिसके एड में फिल्म स्टार फ्लोर पर डांस पार्टी करते हुए दिखते हैं और उस एड का स्लोगन है कि दुनिया आपकी, जिससे इनके बीयर का विज्ञापन आसानी से हो जाता है, कहा जाता है कि आप जिम्मेदारी के साथ पीएं। प्रतिस्पर्धी डियाजियो के ब्लैक एंड व्हाइट जिंजर एले के यूट्यूब विज्ञापन में, जिसे 60 मिलियन बार देखा गया है, उसी नाम के स्कॉच के सिग्नेचर ब्लैक-एंड-व्हाइट टेरियर को दिखाया गया है।
इन परिवर्तनों से भारत में शराब निर्माताओं के लिए बड़े पैमाने पर बदलाव का खतरा है, जो मात्रा के हिसाब से दुनिया का 8वां सबसे बड़ा शराब बाजार है, जिसका वार्षिक राजस्व यूरोमॉनिटर का अनुमान $45 बिलियन है।
1.4 अरब लोगों के बीच बढ़ती समृद्धि भारत को किंगफिशर बीयर निर्माता, यूनाइटेड ब्रुअरीज, हेनेकेन समूह का हिस्सा, जैसी कंपनियों के लिए एक आकर्षक बाजार बनाती है, जिसकी मात्रा के हिसाब से एक चौथाई से अधिक बाजार हिस्सेदारी है।
व्हिस्की के लिए लोकप्रिय, डियाजियो और पेरनोड को मिलाकर बाजार में हिस्सेदारी लगभग 5वीं है, जबकि पेरनोड के लिए, भारत वैश्विक राजस्व का लगभग 10वां हिस्से के रूप में योगदान करता है। मसौदे में कहा गया कि सरोगेट विज्ञापन के रूप में प्रतिबंध लगेगा।