मद्रास उच्च न्यायालय ने एसबीआई अफसरों पर की कड़ी टिप्पणी
By भाषा | Updated: November 13, 2021 20:45 IST2021-11-13T20:45:55+5:302021-11-13T20:45:55+5:30

मद्रास उच्च न्यायालय ने एसबीआई अफसरों पर की कड़ी टिप्पणी
चेन्नई, 13 नवंबर मद्रास उच्च न्यायालय ने अग्रणी सार्वजनिक बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के अधिकारियों में अपने ग्राहकों के प्रति प्रशासनिक दंभ दिखाने पर फटकार लगाई है।
न्यायाधीश एस एम सुब्रमण्यन ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए बैंक अधिकारियों के एक बयान को लेकर कड़ा रुख दिखाया है। बैंक अफसरों ने जवाबी हलफनामे में कहा था कि स्टांप विक्रेता अपने लेनदेन के लिए किसी भी दूसरे बैंक का रुख करने के लिए स्वतंत्र हैं।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यन ने कहा, "एसबीआई के अधिकारियों की तरफ से दायर हलफनामे में दिया गया यह बयान गैर-जिम्मेदार माना जाना चाहिए। एसबीआई सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक है और उसके अधिकारी जनता के सेवक हैं। याचिकाकर्ता ट्रेजरी चालान के माध्यम से सरकार की तरफ से सरकारी खातों में पैसे जमा करते हैं।"
अदालत ने कहा कि बैंक अफसरों का यह बयान उनके प्रशासकीय दंभ को दर्शाता है और एक तरह से लोक प्रशासन को दी गई धमकी भी है। इस टिप्पणी के साथ ही अदालत ने बैंक के सहायक महाप्रबंधक को इस मामले की जांच कर अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने का आदेश भी दिया।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यन ने कहा कि शीर्ष अधिकारियों को अपने मातहतों को ग्राहकों एवं आम नागरिकों के साथ अच्छा आचरण करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
स्टांप विक्रेताओं ने ट्रेजरी चालान के जरिये बैंक में रकम जमा करने पर उनसे नकदी अंतरण शुल्क लिए जाने को अदालत में चुनौती दी है। न्यायालय ने उनकी याचिका को स्वीकार करते हुए इस शुल्क को गैरकानूनी बताया।
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