नई दिल्ली:टाटा ग्रुप ने गुरुवार को सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया का स्वामित्व हासिल कर ली। गौरतलब है कि एयर इंडिया लगभग 69 साल बाद टाटा के पास वापस आई है। वहीं, एयर इंडिया को लेकर केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को विनिवेश की बात की। उन्होंने कहा कि एक वाहक जिसे पिछले 14 वर्षों में 85,000 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। यही नहीं, इसे एक दिन में लगभग 20 करोड़ रुपये का घाटा हो रहा था। ऐसे में उस धन का उपयोग उन क्षेत्रों के लिए अधिक किया जा सकता है जहां सामाजिक विकास की आवश्यकता होती है।
मालूम हो, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को कहा था कि एयर इंडिया नए स्वामित्व के अंतर्गत तेजी से आगे बढ़ेगी और एयरलाइन भारत में एक सफल और मजबूत विमानन क्षेत्र का मार्ग प्रशस्त करेगी। एयरलाइन को टाटा संस को सौंपे जाने के बाद सिंधिया ने ट्विटर पर लिखा था, "वास्तव में यह महत्वपूर्ण है कि एयर इंडिया की विनिवेश प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से सफलतापूर्वक निष्कर्ष पर लाया गया है।" उन्होंने कहा कि यह केंद्र सरकार की काबिलियत और भविष्य में गैर-रणनीतिक क्षेत्रों में प्रभावी तरीके से विनिवेश को आगे बढ़ाने के संकल्प को बताता है।
बता दें कि एयर इंडिया के हस्तांतरण की प्रक्रिया गुरुवार को दिल्ली में विमानन कंपनी के मुख्यालय में पूरी हुई। वहीं, टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन एयर इंडिया को वापस पाकर बेहद उत्साहित नजर आए। ऐसे में उन्होंने कहा कि विमानन कंपनी एयर इंडिया को वापस पाकर टाटा ग्रुप काफी खुश और उत्साहित है। साथ ही, ग्रुप इसे विश्वस्तर की विमानन कंपनी बनाने को पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।