जेट एयरवेज का मामला अब एनसीएलटी के जरिये हल किया जायेगा. लेंडर्स ने इसे आईबीसी कानून के जरिये निपटारा करने का फैसला किया है. कर्ज के बोझ तले दबे इस प्राइवेट एयरलाइन्स के बारे में ख़बरें आई थी कि रिलायंस और हिंदुजा ग्रुप जैसी बड़ी कंपनियां इसको खरीदने में दिलचस्पी दिखा रही हैं. लेकिन अंतिम परिणाम के रूप में कुछ सामने नहीं आया.
एसबीआई सहित अन्य कर्जदाताओं ने इसे एनसीएलटी में भेजने का फैसला किया है, जहां इस मामले को मोदी सरकार द्वारा 2016 में लाये गए आईबीसी कानून के तहत निपटाया जायेगा.
जेट एयरवेज के ठप होने के बाद इसके 16 हजार से ज्यादा कर्मचारियों के सामने रोज़गार का संकट खड़ा हो गया था. स्पाइसजेट ने जेट के कुछ कर्मचारियों को नौकरी दी थी.
टाटा के भी जेट में दिलचस्पी लेने की ख़बरें आईं थी. 17 अप्रैल को आखिरी बार जेट एयरवेज ने उड़ान भरी थी.
बैंकरप्सी प्रक्रिया के तहत एनसीएलटी अब जेट एयरवेज के मामले में निवेशकों को insolvency & bankruptcy कोड के जरिये निवेशकों को प्रस्ताव देगा.
जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल को इनकम टैक्स द्वारा कर चोरी के मामले में समन भेजा जा चुका है. वहीं, उन्हें हाल ही में पत्नी सहित विदेश जाने के दौरान ईडी के अधिकारियों ने रोक दिया था.