नई दिल्लीः विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने सितंबर महीने में अब तक भारतीय शेयर बाजारों में 12,000 करोड़ रुपये लगाए हैं। उनका निवेश इन अनुमानों पर आधारित है कि मुद्रास्फीति में आ रही नरमी के बीच दुनिया भर के केंद्रीय बैंक विशेषकर अमेरिका का फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में वृद्धि को लेकर कुछ नरम रुख अपना सकते हैं।
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक एक सितंबर से 16 सितंबर के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजारों में 12,084 करोड़ रुपये लगाए हैं। आर्थिक वृद्धि की गति जारी रहने की उम्मीदों के बल पर एफपीआई शुद्ध लिवाल बने रहे। मॉर्निंग स्टार इंडिया में एसोसिएट निदेशक-प्रबंध शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजारों में इस उम्मीद से निवेश कर रहे हैं कि वैश्विक केंद्रीय बैंक विशेषकर फेडरल रिजर्व दरों में वृद्धि पर नरम रुख अपना सकता है क्योंकि अब मुद्रास्फीति घटना शुरू हो गई है।’’
इन आंकड़ों के मुताबिक अगस्त में एफपीआई ने भारतीय बाजारों में 51,200 करोड़ रुपये और जुलाई में करीब 5,000 करोड़ रुपये का निवेश किया था। भारतीय शेयर बाजारों से लगातार नौ महीनों तक पैसा निकलने के बाद एफपीआई जुलाई में शुद्ध लिवाल बने थे।
इसके पहले अक्टूबर 2021 से लेकर जून 2022 के बीच एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजारों से करीब 2.46 लाख करोड़ रुपये की निकासी की थी। कोटक सिक्युरिटीज में प्रमुख (इक्विटी शोध-खुदरा) श्रीकांत चौहान ने कहा कि मौद्रिक सख्ती, बढ़ती मुद्रास्फीति और भू-राजनीतिक चिंताओं को देखते हुए आने वाले समय में एफपीआई का रूख अस्थिर बना रहेगा।
10 सबसे मूल्यवान कंपनियों में छह का बाजार पूंजीकरण दो लाख करोड़ रुपये घटा
बीते सप्ताह 10 सबसे अधिक मूल्यवान कंपनियों में छह का बाजार पूंजीकरण 2,00,280.75 करोड़ रुपये घट गया। इनमें सबसे अधिक नुकसान टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और इंफोसिस को हुआ। पिछले हफ्ते सेंसेक्स 952.35 अंक यानी 1.59 फीसदी गिरा था। इस दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज, टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, इंफोसिस और एचडीएफसी के बाजार पूंजीकरण में कमी हुई।
दूसरी ओर आईसीआईसीआई बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, अडाणी ट्रांसमिशन और बजाज फाइनेंस को फायदा हुआ। समीक्षाधीन सप्ताह में टीसीएस का बाजार पूंजीकरण 76,346.11 करोड़ रुपये घटकर 11,00,880.49 करोड़ रुपये रह गया। इंफोसिस का पूंजीकरण 55,831.53 करोड़ रुपये घटकर 5,80,312.32 करोड़ रुपये था।
रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण 46,852.27 करोड़ रुपये घटकर 16,90,865.41 करोड़ रुपये और हिंदुस्तान यूनिलीवर का बाजार पूंजीकरण 14,015.31 करोड़ रुपये गिरकर 5,94,058.91 करोड़ रुपये पर आ गया।
एचडीएफसी का बाजार पूंजीकरण 4,620.81 करोड़ रुपये घटकर 4,36,880.78 करोड़ रुपये और एचडीएफसी बैंक का बाजार पूंजीकरण 2,614.72 करोड़ रुपये घटकर 8,31,239.46 करोड़ रुपये रह गया। इस दौरान बढ़त दर्ज करने वालों में अडाणी ट्रांसमिशन का बाजार पूंजीकरण 17,719.6 करोड़ रुपये बढ़कर 4,56,292.28 करोड़ रुपये हो गया। भारतीय स्टेट बैंक का बाजार पूंजीकरण 7,273.55 करोड़ रुपये बढ़कर 5,01,206.19 करोड़ रुपये हो गया।