जम्मूः कटड़ा से अमृतसर तक चलाई गई वंदेभारत ट्रेन को मार्च 2026 के अंतिम दिनों तक स्थगित कर इस रूट के यात्रियों को दी गई कनेक्टीवीटी को काट दिया गया है पर खुशी की बात यह है कि जम्मू-अमृतसर रूट पर बुलेट ट्रेन चलाने की तैयारियां आरंभ की जा रही हैं। दरअसल उत्तर भारत में भारत के हाई-स्पीड रेल नेटवर्क के विस्तार की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने प्रस्तावित अमृतसर-जम्मू हाई-स्पीड रेल कारिडोर के फाइनल एलाइनमेंट डिजाइन तैयार करने के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं।
निविदा सूचना के अनुसार, एनएचएसआरसीएल ने इस परियोजना के एलाइनमेंट डिजाइन कार्य के लिए पात्र फर्मों से ई-निविदाएं आमंत्रित की हैं, जिसकी अनुमानित लागत 75.47 करोड़ रुपये है। यह कदम आधुनिक हाई-स्पीड परिवहन प्रणाली के माध्यम से पंजाब और जम्मू कश्मीर के बीच रेल संपर्क को मजबूत करने की सरकार की योजना में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
प्रस्तावित कारिडोर 240 किलोमीटर से अधिक लंबा होगा, जो अमृतसर और जम्मू के बीच अति-तीव्र और निर्बाध संपर्क प्रदान करेगा। अधिकारियों ने बताया कि इस परियोजना से क्षेत्रीय सुगम्यता में वृद्धि, पर्यटन को बढ़ावा और पंजाब, जम्मू और कश्मीर घाटी के बीच आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
अर्बन इंफ्रा ग्रुप की प्रबंध निदेशक और सीईओ ममताल शाह ने एक स्थानीय समाचार एजेंसी को बताया कि अमृतसर-जम्मू हाई-स्पीड रेल कारिडोर आधुनिक, हाई-स्पीड कनेक्टिविटी की ओर भारत की यात्रा में एक महत्वपूर्ण छलांग है। यह कारिडोर सांस्कृतिक और आर्थिक सीमाओं को पाटेगा, जिससे उत्तर भारत में तेज़ यात्रा, क्षेत्रीय एकीकरण और विकास के नए अवसर पैदा होंगे।
बताया जा रहा है कि चालू होने के बाद, यह कारिडोर अमृतसर और जम्मू के बीच यात्रा के समय को काफ़ी कम कर देगा और क्षेत्र में रसद और व्यापार दक्षता को बढ़ाएगा। यह दिल्ली-अमृतसर-कटरा कारिडोर के उत्तरी विस्तार के रूप में भी काम करेगा, जो भारत की दीर्घकालिक हाई-स्पीड रेल विस्तार योजना का हिस्सा है।
अधिकारियों ने बताया कि निविदा प्रक्रिया पूरी होने के तुरंत बाद फाइनल एलाइनमेंट डिजाइन का काम शुरू होने की उम्मीद है, जिससे विस्तृत इंजीनियरिंग और निर्माण योजना का मार्ग प्रशस्त होगा। इस परियोजना को सरकार के विकसित भारत 2047 विजन के अनुरूप, टिकाऊ, प्रौद्योगिकी-संचालित और विश्व स्तरीय रेल बुनियादी ढांचे के विकास में एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में देखा जा रहा है।