बंदर सेरी बेगवानः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ब्रुनेई के सुल्तान हाजी हसनल बोलकिया के बीच द्विपक्षीय वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि भारत और ब्रुनेई ने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत निरंतर नौवहन और उड़ान की स्वतंत्रता का सम्मान करने के लिए प्रतिबद्धता जताई है। बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के ब्रुनेई में स्थापित टेलीमेट्री ट्रैकिंग एवं टेलीकमांड (टीटीसी) केंद्र को जारी रखने के लिए ब्रुनेई दारुस्सलाम की भरपूर सराहना की। इस केंद्र से भारत को अंतरिक्ष के क्षेत्र में जारी उसके प्रयासों में मदद मिली।
संयुक्त बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी, ब्रुनेई के सुल्तान ने संयुक्त अभ्यास के जरिए रक्षा एवं समुद्री सहयोग को बढ़ाने पर जोर दिया। बयान के अनुसार, ‘‘दोनों नेताओं ने शांति, स्थिरता, समुद्री रक्षा और सुरक्षा को बनाए रखने एवं बढ़ावा देने के साथ नौवहन एवं उड़ान की स्वतंत्रता का सम्मान करने एवं अंतरराष्ट्रीय कानून विशेष रूप से समुद्री कानून पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (यूएनसीएलओएस) 1982 के अनुरूप निर्बाध वैध व्यापार की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।’’
द्विपक्षीय बैठक के दौरान मोदी और सुल्तान बोलकिया ने कई विषयों पर चर्चा की और कारोबारी संबंध में और विस्तार, वाणिज्यिक संबंध और लोगों से लोगों के आदान-प्रदान के बारे में बात की। इससे पहले सिंगापुर के लिए रवाना होने से पहले मोदी ने ब्रुनेई की अपनी यात्रा को ‘‘सार्थक’’ बताया और कहा कि इससे ‘‘भारत-ब्रुनेई संबंधों को और भी मजबूत बनाने के लिए एक नए युग’’ की शुरुआत हुई है, जो हमारी धरती को बेहतर बनाने में योगदान देता है। द्विपक्षीय यात्रा पर गए प्रधानमंत्री मोदी ब्रुनेई की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं।
उन्होंने ब्रुनेई के सुल्तान हाजी हसनल बोलकिया के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। इस वार्ता में रक्षा, व्यापार और ऊर्जा सहित अन्य विषयों पर चर्चा की गई तथा आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया गया। भारत और ब्रुनेई ने ‘‘साझेदारी बढ़ाने के लिए’’ द्विपक्षीय संबंधों में विस्तार किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को सुल्तान हाजी हसनल बोलकिया के साथ रक्षा, व्यापार और ऊर्जा समेत अन्य विषयों पर चर्चा की, आपसी हित के क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया तथा साथ ही भारत और ब्रुनेई ने द्विपक्षीय साझेदारी को ‘उच्च स्तर तक’ बढ़ाने की कवायद को अमली जामा पहनाया।
मोदी ब्रुनेई की द्विपक्षीय यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। सुल्तान बोलकिया और उनके परिवार के सदस्यों ने इस्ताना नूरूल ईमान में प्रधानमंत्री का भव्य स्वागत किया। इस्ताना नूरूल ईमान सुल्तान का आधिकारिक आवास और ब्रुनेई सरकार की सीट है। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने चर्चा की तस्वीरें साझा करते हुए ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘भारत-ब्रुनेई संबंधों और ‘एक्ट ईस्ट’ नीति में नए सिरे से जोश प्रदान किया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ब्रुनेई के सुल्तान हाजी हसनल बोल्किया ने आज बंदर सेरी बेगवान में सार्थक विचार-विमर्श किया।
उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को उच्च स्तर तक ले जाने का स्वागत किया।’’ एमईए ने कहा, ‘‘दोनों नेताओं ने रक्षा, व्यापार और निवेश, ऊर्जा, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य और औषधि, क्षमता निर्माण, संस्कृति और लोगों से लोगों के बीच संबंधों सहित द्विपक्षीय संबंधों का जायजा लिया। उन्होंने आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।’’
मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘ब्रुनेई भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी और हिंद-प्रशांत के लिए दृष्टिकोण में एक महत्वपूर्ण साझेदार है। हम एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करते हैं और मुझे विश्वास है कि ब्रुनेई की मेरी यात्रा और हमारी चर्चा हमारे द्विपक्षीय संबंधों को एक रणनीतिक दिशा प्रदान करेगी।’’ मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत इस बात से की कि भारत और ब्रुनेई के बीच ‘सदियों से सांस्कृतिक संबंध’ हैं और गहरी सांस्कृतिक परंपराएं द्विपक्षीय मित्रता का आधार हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि आपके नेतृत्व में हमारे संबंध दिन-प्रतिदिन गहरे होंगे।’’
मोदी ने सबसे पहले 140 करोड़ भारतीयों की ओर से 40वें स्वतंत्रता दिवस पर ब्रुनेई के सुल्तान और नागरिकों को बधाई दी। उन्होंने भारत और ब्रुनेई के द्विपक्षीय संबंधों के 40 साल पूरे होने पर हुए सुखद संयोग की ओर भी ध्यान आकर्षित किया। बैठक के तुरंत बाद मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘महामहिम सुल्तान हाजी हसनल बोलकिया से मिलकर खुशी हुई।
हमारी बातचीत व्यापक थी तथा इसमें हमारे देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के उपाय शामिल थे। हम व्यापार संबंधों, वाणिज्यिक संपर्कों और लोगों से लोगों के बीच आदान-प्रदान का और विस्तार करने जा रहे हैं।’’ अधिकारियों ने कहा कि मोदी की ऐतिहासिक यात्रा दोनों देशों के 40 साल पुराने राजनयिक संबंधों में मील का एक महत्वपूर्ण पत्थर है, जो द्विपक्षीय और बहुपक्षीय मुद्दों पर आपसी सम्मान एवं समझ की भावना से चिह्नित दोस्ताना रिश्ते रखते हैं।
भारत के विदेश मंत्रालय ने मोदी और बोलकिया की मुलाकात की तस्वीरें ‘एक्स’ पर साझा कीं और लिखा, “भारत-ब्रुनेई के बीच संबंधों को और मजबूत बनाने की कवायद। ब्रुनेई के महामहिम सुल्तान हाजी हसनल बोलकिया और उनके परिवार के सदस्यों ने इस्ताना नूरूल ईमान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया।”
मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए उसके दृष्टिकोण में ब्रुनेई एक अहम साझेदार है।’’ मोदी के ब्रुनेई रवाना होने से पहले विदेश मंत्रालय ने कहा था कि दोनों देश एक सहस्राब्दी से इतिहास, संस्कृति और परंपरा के ताने-बाने से जुड़े हुए हैं।
मोदी ने मंगलवार को कहा था कि वह “ऐतिहासिक संबंधों को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए” सुल्तान हसनल बोलकिया और शाही परिवार के अन्य सदस्यों के साथ अपनी बैठकों का इंतजार कर रहे हैं। ब्रुनेई में हवाई अड्डे पर मोदी का स्वागत शहजादे अल-मुहतादी बिल्लाह ने किया।
प्रधानमंत्री ने बंदर सेरी बेगवान में प्रतिष्ठित उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद का दौरा किया और भारतीय उच्चायोग के नये ‘चांसरी’ परिसर का भी उद्घाटन किया। दोनों जगहों पर उन्होंने प्रवासी भारतीयों से बातचीत भी की। मोदी ब्रुनेई से बुधवार को सिंगापुर रवाना होंगे।