Income Tax Return: आयकर विभाग ने मंगलवार को कहा कि 26 जून तक एक करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल किये गये हैं और यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में बहुत अधिक है। वेतनभोगी करदाताओं और ऐसे करदाता, जिन्हें अपने खातों का ऑडिट कराने की जरूरत नहीं है।
उनके लिए वित्त वर्ष 2022-23 में हुई आय के लिए कर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई है। आयकर विभाग ने एक ट्वीट में कहा कि एक करोड़ आईटीआर दाखिल करने का लक्ष्य पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में इस साल 12 दिन पहले हासिल कर लिया गया।
विभाग ने कहा, ''इस साल 26 जून तक एक करोड़ से अधिक आईटीआर दाखिल किए गए हैं, जबकि पिछले साल आठ जुलाई तक एक करोड़ आईटीआर दाखिल किए गए थे।'' विभाग ने करदाताओं से अपना आईटीआर जल्दी दाखिल करने का भी आग्रह किया, ताकि अंतिम समय की भीड़ से बचा जा सके।
जीएसटी परिषद की बैठक में हो सकता है रिटर्न में अतिरिक्त सत्यापन के प्रस्ताव पर विचार
जीएसटी परिषद अगले महीने होने वाली अपनी बैठक में जीएसटी रिटर्न दाखिल करने वाली प्रणाली में अतिरिक्त सत्यापन के लिए सीबीआईसी के प्रस्ताव पर विचार कर सकती है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कर चोरी और फर्जी इनपुट कर क्रेडिट (आईटीसी) दावे को रोकने के लिए इस योजना का परीक्षण किया जाएगा।
केंद्रीय एजेंसियों ने नवंबर, 2020 से एक विशेष अभियान में 62,000 करोड़ रुपये के फर्जी आईटीसी दावों का पता लगाया है और कुछ पेशेवरों सहित 776 लोगों को गिरफ्तार किया है। रिटर्न दाखिल करने वाली प्रणाली में कुछ अतिरिक्त सत्यापन उपाय जोड़ने का मकसद धोखाधड़ी और राजस्व नुकसान पर लगाम लगाना है।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने पिछले सप्ताह जीएसटी पंजीकरण के लिए सत्यापन और जोखिम रेटिंग पेश की थी। इसका मकसद आईटीसी लाभ का दावा करने और सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने के लिए नकली बिल जारी करने वालों पर अंकुश लगाना है।
अधिकारी ने कहा कि पंजीकरण और रिटर्न दाखिल करने के समय अतिरिक्त सत्यापन की रणनीति का मकसद कर चोरी को खत्म करना है। अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘हम रिटर्न दाखिल करने की प्रणाली में इस तरह से सत्यापन शुरू करने की योजना बना रहे हैं।
ताकि ईमानदार करदाताओं के लिए प्रक्रिया बोझिल न हो। कर विभाग सत्यापन करेगा और संदिग्ध मामलों में आईटीसी के दावों को रोका जा सकता है।’’ इस प्रस्ताव के लिए जीएसटी परिषद की मंजूरी लेनी होगी। परिषद की 11 जुलाई को होने वाली बैठक में इसपर चर्चा हो सकती है।