नई दिल्ली: 'भारत पे' के फाउंडर और तीसरे यूनीकॉर्न बनने वाले कारोबारी अशनीर ग्रोवर ने सामने आए पॉडकास्ट में निजी कंपनियों की हायरिंग प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने कहा कि हायर करने का तरीका तेजी से होना चाहिए और यही नहीं अगर आप किसी कर्मचारी को कंपनी से बाहर कर रहे हैं, तो उसका नोटिस पीरियड बहुत कम होना चाहिए, जिसे आज के युग में सभी कंपनियों को अपनाना चाहिए। क्योंकि प्रक्रिया बढ़ेगी तो आपको ही दिक्कत आने वाली है।
कई दौर से गुजरना पड़ता है- अशनीर ग्रोवरउन्होंने आगे कहा, "मैंने कंपनियों में नियुक्ति के बारे में जो समझा है और बहुत से लोग इस विचार से सहमत नहीं हैं, जल्दी नियुक्ति करो, जल्दी निकालो। वर्तमान में क्या हो रहा है कि आप किसी व्यक्ति को काम पर रखने में बहुत समय लगा रहे हैं, आपको कई दौर से गुजरना पड़ता है। उम्मीदवार भी, स्वाभाविक रूप से अपना सर्वोत्तम देगा। जब कोई उम्मीदवार खुद को बेचने या अपने लिए पिच करने आता है, तो उसके अंदर का सेल्समैन अपने चरम पर होता है। दिन के अंत में, आपको उसके कार्य सौंपने के बाद ही पता चलेगा कि वह काम करेगा या नहीं"।
अपना अनुभव बताते हुए अशनीर ग्रोवर ने कहा, कई बार होता ये है कि लोग सामान को अच्छे से बेच सकते हैं। मैंने जो समझा है कि हम 3 महीने तक उचित और सटीक बंदे को ढूढ़ने में लगा देते हैं, उसके बाद किसी कैंडिडेट को बाहर निकलना होता है, तो उसे नो 2 महीने नोटिस पीरियड सर्व करना होता है, तो मानिए कि किसी कंपनी को इस प्रक्रिया में कितना वक्त लगता है। एक समय पर, हम पहले ही इस भूमिका में लगभग 6 महीने का निवेश कर चुके हैं। एक बार जब उम्मीदवार शामिल हो जाता है, तो हम उसे खुद को साबित करने के लिए उतना ही समय देना चाहते हैं।
वो आगे बताते हैं कि तब से लेकर आपने कुल एक कैंडिडेट पर एक साल लगा दिए। अब एक साल में आपने उस रोल पर आपने बहुत रुपए निवेश कर दिए। एक साल बाद आपको लगता है कि वो कंपनी के लिए फिट नहीं है। मुझे लगता है कि सबसे अच्छी बात स्थानीय अनुकूलन करना है, आप तय करते हैं कि आपको एक सप्ताह-15 दिनों में एक उम्मीदवार की आवश्यकता है, आप उसे तेजी से शामिल कर लेते हैं। यह समझना बहुत आसान है कि कौन काम करता है और कौन नहीं। इसलिए जल्दी से नौकरी पर रखें और जल्दी से नौकरी से हटा दें।