लाइव न्यूज़ :

गुजरात: वित्त वर्ष 2021-22 में बैंकों का एनपीए 45 फीसदी बढ़कर 42,786 करोड़ रुपया पहुंचा, कॉरपोरेट कर्ज 24,910 करोड़ रुपये

By विशाल कुमार | Updated: March 23, 2022 11:20 IST

वित्तीय वर्ष 2021-22 के अंत में फसल, कृषि सावधि और एमएसएमई जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों का 17,876 करोड़ रुपये का कर्ज एनपीए बना है जबकि कॉरपोरेट कर्ज सहित गैर प्राथमिकता वाले क्षेत्र का 24,910 करोड़ रुपये का कर्ज एनपीए बन गया।

Open in App
ठळक मुद्देबैंकों ने दावा किया कि एनपीए सकल अग्रिम का 5.92 प्रतिशत है।दिसंबर, 2020 में मौजूद नहीं चुकाए गए कर्ज की तुलना में 45 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।दिसंबर 2020 में गैर-प्राथमिकता वाले क्षेत्र में एनपीए 13,649 करोड़ रुपये था।

अहमदाबाद: वित्तीय वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही, दिसंबर 2021 के अंत में गुजरात में बैंकों को नहीं चुकाए गए कर्ज की राशि या सकल गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) बढ़कर 42,786 करोड़ रुपये हो गई है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य स्तरीय बैंकर समिति (एसएलबीसी-गुजरात) की नवीनतम रिपोर्ट के मुताबिक, हालांकि बैंकों ने दावा किया कि एनपीए वित्त वर्ष 2021-22 में बैंक को मंजूर कुल क्रेडिट (सकल अग्रिम) का 5.92 प्रतिशत है। कुल मिलाकर दिसंबर, 2020 में मौजूद नहीं चुकाए गए कर्ज की तुलना में 45 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

एसएलबीसी-गुजरात द्वारा गांधीनगर में इस रिपोर्ट को जारी किए जाने के दौरान मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी मौजूद थे।

जहां फसल, कृषि सावधि और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम कर्ज (एमएसएमई) जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों का 17,876 करोड़ रुपये का कर्ज एनपीए बना है जबकि कॉरपोरेट कर्ज सहित गैर प्राथमिकता वाले क्षेत्र का 24,910 करोड़ रुपये का कर्ज एनपीए बन गया।

दिसंबर 2020 में गैर-प्राथमिकता वाले क्षेत्र में एनपीए 13,649 करोड़ रुपये था जो कि अग्रिमों का 3.89 प्रतिशत है। एक साल बाद दिसंबर 2021 में, इस क्षेत्र का एनपीए अग्रिम का 6.74 फीसदी था। 

प्राथमिकता वाले क्षेत्र में दिसंबर 2021 के अंत में एमएसएमई का एनपीए में 9,749 करोड़ रुपये का योगदान है। राज्य के कृषि क्षेत्र में 6,538 करोड़ रुपये का एनपीए है।कुल बकाया के एक फीसदी से कम के आवास और शैक्षिक ऋण दिसंबर, 2021 के अंत में क्रमशः 1.37 फीसदी और 1.57 फीसदी हो गए हैं।

गुजरात में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में यूको बैंक ने सबसे अधिक सकल एनपीए 34.05 फीसदी दर्ज किया, जबकि निजी क्षेत्र के लक्ष्मी विकास बैंक में 46.07 फीसदी एनपीए था।

दिसंबर, 2021 की एसएलबीसी रिपोर्ट के अनुसार, बैंकों द्वारा कृषि क्षेत्र को ऋण देने में सालाना आधार पर 4.38 फीसदी की वृद्धि हुई है, जबकि पिछले एक वर्ष के दौरान एमएसएमई को ऋण देने में 19.31 फीसदी की वृद्धि हुई है।

टॅग्स :गुजरातBankभूपेंद्रभाई रजनीकांत पटेलBhupendrabhai Patel
Open in App

संबंधित खबरें

भारतBhavnagar Complex Fire: आग ने कई अस्पतालों को अपनी चपेट में लिया, चादरों में लिपटे बच्चों को खिड़कियों से बचाया गया, देखें भयावह वीडियो

भारतGujarat: भावनगर में पैथोलॉजी लैब में भीषण आग, बुजुर्गों और बच्चों को बचाने का रेस्क्यू जारी; दमकल की टीमें मौजूद

विश्वमलेशिया में भारतीय शख्स के साथ क्रूरता, बैंक के बाहर सोने पर लात-घूंसों से पीटा; देश वापसी की लगाई गुहार

कारोबारउद्यम रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट पाने के लिए फर्जी डेटा देने वाले के खिलाफ कारवाई की मांग 

विश्वराष्ट्रमंडल खेलः दिल्ली में 2010 और अहमदाबाद में 2030?, 20 साल बाद मेजबान भारत, पीएम मोदी ने देशवासियों और खेल तंत्र को दी बधाई

कारोबार अधिक खबरें

कारोबारRBI Monetary Policy: 25 बेसिस पॉइन्ट की कटौती, लोन में सुविधा; जानें आरबीआई की MPC बैठक की मुख्य बातें

कारोबारShare Market Today: RBI के ब्याज दर कटौती से शेयर बाजार में तेजी, घरेलू शेयरों ने पकड़ी रफ्तार

कारोबारPetrol-Diesel Price Today: टंकी फूल कराने से पहले यहां चेक करें तेल के लेटेस्ट दाम, जानें कहां मिल रहा सस्ता ईंधन

कारोबारGPS Spoofing: 'इसे हल्के में मत लो!' अंकुर चंद्रकांत का अलर्ट हुआ वायरल, कौन हैं निशाने पर?

कारोबारGold-Silver Price Today: सोना 600 रुपये गिरकर 1,31,600 रुपये प्रति 10 ग्राम पर, चांदी में 900 रुपये की नरमी