GST Council: माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की बैठक 21 दिसंबर को जैसलमेर में होगी, जिसमें स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर जीएसटी से छूट या कम दर को लेकर फैसला किया जा सकता है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में उनके राज्य समकक्षों से मिलकर बनी परिषद दरों को सुसंगत करने पर भी कुछ फैसले कर सकती है। राज्य मंत्रियों की एक समिति की सिफारिशों के अनुसार आम इस्तेमाल की कई वस्तुओं पर कर दरों को 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत किया जा सकता है। जीएसटी परिषद ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘जीएसटी परिषद की 55वीं बैठक 21 दिसंबर, 2024 को राजस्थान के जैसलमेर में होगी।’’
परिषद ने नौ सितंबर को अपनी पिछली बैठक में जीओएम को बीमा पर जीएसटी लगाने के बारे में रिपोर्ट देने को कहा था। रिपोर्ट को अक्टूबर के अंत तक अंतिम रूप देना था। पिछले महीने स्वास्थ्य और जीवन बीमा उत्पादों पर जीएसटी लगाने के बारे में मंत्रियों के समूह (जीओएम) की बैठक हुई थी।
ईवी बैटरी, चार्जिंग सेवाओं पर जीएसटी की दर कम करने की जरूरत : फिक्की
इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को प्रतिस्पर्धी बनाए रखने के लिए बैटरी और चार्जिंग सेवाओं पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) कम करने की जरूरत है। उद्योग मंडल फिक्की इलेक्ट्रिक वाहन समिति की चेयरपर्सन सुलज्जा फिरोदिया मोटवानी ने मंगलवार को यह बात कही। उन्होंने यहां ईवी पर फिक्की के राष्ट्रीय सम्मेलन के अवसर पर बिजलीचालित वाहनों की बिक्री बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री ई-ड्राइव कोष को बढ़ाने की जरूरत पर भी जोर दिया। मोटवानी ने कहा, ‘‘हम ईवी से संबंधित क्षेत्रों पर जीएसटी कराधान को युक्तिसंगत बनाने के लिए जीएसटी परिषद से सिफारिश करेंगे।’’
उन्होंने मांगों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा, ‘‘फिलहाल चार्जिंग सेवाओं पर जीएसटी 18 प्रतिशत है, हम जिसे घटाकर पांच प्रतिशत करने का अनुरोध करेंगे, ताकि उपभोक्ताओं के लिए चार्जिंग अधिक किफायती हो जाए।’’ उन्होंने कहा कि दूसरी बात यह है कि बैटरी पर भी जीएसटी दर को घटाकर पांच प्रतिशत किया जाना चाहिए।
मोटवानी ने कहा, ‘‘ईवी पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगता है, जबकि बैटरी पर 18 प्रतिशत जीएसटी है। इसलिए अनुरोध है कि इसे घटाकर पांच प्रतिशत किया जाए, ताकि जब उपभोक्ता बैटरी बदले तो यह अधिक किफायती हो।’’ उन्होंने कहा कि जीएसटी पर इन दो सुधारों से ईवी को उपभोक्ताओं के लिए अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने में बहुत मदद मिलेगी।
मोटवानी ने प्रधानमंत्री ई-ड्राइव योजना का स्वागत करते हुए कहा कि बढ़ती मांग के साथ प्रोत्साहन राशि की समीक्षा करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि चूंकि मांग बढ़ रही है, इसलिए शायद प्रोत्साहन राशि की समीक्षा की जानी चाहिए।