GST collection in December: पहली तारीख (1 जनवरी 2025) को झमाझम नोटों की बारिश हुई। बुधवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार दिसंबर में भारत का माल एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व 1.77 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल के इसी महीने की तुलना में 7.3% अधिक है। अक्टूबर में 1.87 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी संग्रह नौ प्रतिशत वार्षिक वृद्धि के साथ दूसरा सबसे अच्छा जीएसटी संग्रह था। अब तक का सबसे अधिक संग्रह अप्रैल, 2024 में 2.10 लाख करोड़ रुपये से अधिक था। वित्त मंत्रालय ने आंकड़े पेश कर जानकारी दी।
देश में जीएसटी संग्रह दिसंबर महीने में 7.3 प्रतिशत बढ़कर 1.77 लाख करोड़ रुपये रहा। बुधवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार केंद्रीय जीएसटी संग्रह 32,836 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी 40,499 करोड़ रुपये, एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) 47,783 करोड़ रुपये और उपकर 11,471 करोड़ रुपये रहा।
इसके साथ कुल सकल माल एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व 7.3 प्रतिशत बढ़कर 1.77 लाख करोड़ रुपये रहा। एक साल पहले इसी महीने में यह 1.65 लाख करोड़ रुपये था। आलोच्य महीने में घरेलू लेन-देन से जीएसटी 8.4 प्रतिशत बढ़कर 1.32 लाख करोड़ रुपये रहा जबकि आयात पर कर से प्राप्त राजस्व करीब चार प्रतिशत बढ़कर 44,268 करोड़ रुपये रहा।
जीएसटी संग्रह नवंबर महीने में सालाना आधार पर 8.5 प्रतिशत बढ़कर 1.82 लाख करोड़ रुपये रहा था। अबतक का सर्वाधिक जीएसटी संग्रह अप्रैल 2024 में 2.10 लाख करोड़ रुपये रहा था। माह के दौरान 22,490 करोड़ रुपये वापस किये गये। यह पिछले साल के इसी माह के मुकाबले 31 प्रतिशत अधिक है। वापस की गयी राशि के समायोजन के बाद शुद्ध रूप से जीएसटी संग्रह 3.3 प्रतिशत बढ़कर 1.54 लाख करोड़ रुपये रहा।
घरेलू लेनदेन से अधिक राजस्व मिलने से नवंबर में सकल माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह 8.5 प्रतिशत बढ़कर 1.82 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया था। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, केंद्रीय जीएसटी संग्रह 34,141 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी 43,047 करोड़ रुपये, एकीकृत आईजीएसटी 91,828 करोड़ रुपये और उपकर 13,253 करोड़ रुपये रहा था।