नई दिल्लीः वायदा बाजार में मंगलवार को सोने और चांदी के भाव में गिरावट दर्ज की गई। अमेरिका-चीन के बीच व्यापार तनाव में कमी से सुरक्षित निवेश की मांग घटने के कारण सोने व चांदी की वायदा कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) में दिसंबर में आपूर्ति वाले सोने के अनुबंधों का वायदा भाव 836 रुपये या 0.69 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,20,573 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। इसमें 13,332 लॉट के लिए कारोबार हुआ। चांदी की कीमतों में भी गिरावट आई।
दिसंबर में आपूर्ति वाले चांदी के वायदा अनुबंधों की कीमत 1,558 रुपये या 1.05 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,46,200 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई। इसमें 20,939 लॉट के लिए कारोबार हुआ। वैश्विक स्तर पर दिसंबर में आपूर्ति वाले कॉमेक्स सोने का वायदा भाव 0.48 प्रतिशत की गिरावट के साथ 3,994.81 डॉलर प्रति औंस हो गया। चांदी का वायदा भाव 0.62 प्रतिशत टूटकर 47.75 डॉलर प्रति औंस रहा।
मजबूत डॉलर और कम होती वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच निवेशकों की सुरक्षित निवेश की मांग कम होने से सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 300 रुपये टूटकर 1,25,300 रुपये प्रति 10 ग्राम रही थी। अखिल भारतीय दिल्ली सर्राफा संघ के अनुसार, 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 300 रुपये टूटकर 1,24,700 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) रह गई।
शुक्रवार को यह 1,25,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी। वहीं 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना शुक्रवार को 1,25,600 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। दूसरी ओर, चांदी शुक्रवार के बंद भाव 1,53,000 रुपये प्रति किलोग्राम से 1,000 रुपये बढ़कर 1,54,000 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) हो गई।
छह मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.09 प्रतिशत बढ़कर 99.89 पर पहुंच गया, जिससे सर्राफा कीमतों पर दबाव पड़ा। अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में, हाजिर सोना 0.14 प्रतिशत की गिरावट के साथ 4,000 डॉलर से नीचे 3,996.77 डॉलर प्रति औंस रह गया, जबकि हाजिर चांदी मामूली गिरावट के साथ 48.64 डॉलर प्रति औंस पर रही।
रिलायंस सिक्योरिटीज के वरिष्ठ शोध विश्लेषक जिगर त्रिवेदी ने कहा, ‘‘सोने की कीमतें सोमवार को 4,000 डॉलर प्रति औंस से नीचे गिर गईं, जो पिछले सत्र की गिरावट को और बढ़ाती है। इसका कारण ब्याज दर में और कटौती की उम्मीद सीमित होने और अमेरिका-चीन व्यापार समझौते के बाद सुरक्षित निवेश की मांग कम हो गई।’’
इस बीच, चीन ने सोने की बिक्री पर लंबे समय से चली आ रही कर प्रोत्साहन राशि को हटा दिया है। इस कदम से उपभोक्ता कीमतें बढ़ सकती हैं और दुनिया के सबसे बड़े सर्राफा बाजारों में से एक में मांग कमजोर हो सकती है।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘व्यापारियों की नजर अब इस सप्ताह के अमेरिकी वृहद आर्थिक आंकड़ों पर रहेगी, जिसमें आईएसएम पीएमआई आंकड़े और एडीपी निजी पेरोल आंकड़े शामिल हैं।’’ इन आंकड़ों के जारी होने से मौद्रिक नीति के बारे में और संकेत मिलेंगे।