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Foreign Investor Investment: 33688 करोड़ रुपये का निवेश, इंडियन इकोनॉमी पर भरोसा!, 26 जुलाई तक विदेशी निवेशकों ने किया भारी निवेश

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 28, 2024 22:37 IST

Foreign Investor Investment: सरकार द्वारा बजट में वायदा और विकल्प व्यापार (एफएंडओ) और इक्विटी निवेश से पूंजीगत लाभ पर कर में बढ़ोतरी के बाद एफपीआई ने पिछले तीन कारोबारी सत्रों (24-26 जुलाई) में शेयरों से 7,200 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है।

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ठळक मुद्देसाल विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए अच्छी स्थिति में है। बॉन्ड बाजार में एफपीआई का निवेश इस साल अबतक 87,847 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।  भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुमान में बढ़ोतरी की वजह से भी एफपीआई निवेश बढ़ेगा।

Foreign Investor Investment: नीतिगत सुधार जारी रहने की उम्मीद, सतत आर्थिक वृद्धि और कंपनियों के उम्मीद से बेहतर तिमाही नतीजों के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने अबतक भारतीय शेयर बाजार में 33,600 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है। हालांकि, सरकार द्वारा बजट में वायदा और विकल्प व्यापार (एफएंडओ) और इक्विटी निवेश से पूंजीगत लाभ पर कर में बढ़ोतरी के बाद एफपीआई ने पिछले तीन कारोबारी सत्रों (24-26 जुलाई) में शेयरों से 7,200 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है।

बाजार विशेषज्ञों का मानना ​​है कि भारतीय शेयर बाजार इस साल विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए अच्छी स्थिति में है। हालांकि, कुछ घटनाक्रमों की वजह से मासिक आधार पर इनमें कुछ उतार-चढ़ाव रह सकता है। बजाज फिनसर्व एएमसी के सीआईओ निमेश चंदन ने कहा, ‘‘भारतीय शेयर बाजार और ऋण या बॉन्ड बाजार इस वर्ष अनुकूल स्थिति में हैं।

इससे देश में विदेशी प्रवाह आकर्षित होना चाहिए। हालांकि, माह-दर-माह आधार पर इसमें कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।’’ डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने (26 जुलाई तक) शेयरों में शुद्ध रूप से 33,688 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इससे पहले जून में शेयरों में 26,565 करोड़ रुपये का निवेश आया था।

एफपीआई ने चुनावी नतीजों को लेकर असमंजस के बीच मई में शेयरों से 25,586 करोड़ रुपये निकाले थे। मॉरीशस के साथ भारत की कर संधि में बदलाव और अमेरिकी में बॉन्ड प्रतिफल में बढ़ोतरी की चिंताओं के कारण अप्रैल में एफपीआई ने शेयरों से 8,700 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की थी।

मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट निदेशक प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘आर्थिक रूप से भारत मजबूत स्थिति में है। इसके अलावा कंपनियों के तिमाही नतीजे उम्मीद से बेहतर रहे है। इससे कॉरपोरेट जगत का बही-खाता सुधरा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, सितंबर में अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में कटौती की उम्मीद बढ़ी है।’’

उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) द्वारा भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुमान में बढ़ोतरी की वजह से भी एफपीआई निवेश बढ़ेगा। आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने समीक्षाधीन अवधि में शेयरों के अलावा ऋण या बॉन्ड बाजार में 19,223 करोड़ रुपये डाले हैं। बॉन्ड बाजार में एफपीआई का निवेश इस साल अबतक 87,847 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। 

टॅग्स :सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी)भारतीय अर्थव्यवस्था
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