ईडी ने जब्त की उपेंद्र राय की 26.65 करोड़ की जायदाद, मनी लॉन्ड्रिंग और धन उगाही का है आरोप
By भाषा | Published: August 29, 2018 08:42 PM2018-08-29T20:42:52+5:302018-08-29T20:42:52+5:30
प्रवर्तन निदेशालय ने राय को आठ जून को धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत तिहाड़ जेल से उस समय गिरफ्तार था जब उन्हें कुछ देर पहले ही कथित जबरन वसूली और संदिग्ध वित्तीय लेनदेन से जुड़े सीबीआई के एक मामले में जमानत मिली थी।
नयी दिल्ली, 29 अगस्त: प्रवर्तन निदेशालय ने आज बताया कि धन शोधन और कथित जबरन वसूली के मामले में पत्रकार उपेंद्र राय और उनके परिवार की लक्जरी कारों और फ्लैटों सहित 26.65 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति कुर्क की गई है।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने बताया कि कुर्क की गई संपत्ति में ऑडी और मर्सिडीज जैसी महंगी कारें, राष्ट्रीय राजधानी के पॉश ग्रेटर कैलाश-1 इलाके में आवासीय परिसर, कनॉट प्लेस के पास हेली रोड पर ऐसी ही एक अन्य संपत्ति, लखनऊ में पेंट हाउस और नोएडा के जलवायु विहार में एक फ्लैट शामिल है। इसके अलावा 5.62 करोड़ रुपये कीमत के म्यूचुअल फंड सहित बैंक में जमा राशि भी कुर्क की गयी है।
राय और अन्य लोगों के खिलाफ पीएमएलए के तहत संपत्ति कुर्क करने के अनंतिम आदेश जारी किए गए थे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कुर्क की गई पूरी संपत्ति का मूल्य 26.65 करोड़ रुपये है।
प्रवर्तन निदेशालय ने राय को आठ जून को धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत तिहाड़ जेल से उस समय गिरफ्तार था जब उन्हें कुछ देर पहले ही कथित जबरन वसूली और संदिग्ध वित्तीय लेनदेन से जुड़े सीबीआई के एक मामले में जमानत मिली थी।
ईडी ने बताया कि राय विभिन्न कंपनियों और कॉरपोरेट हाउसों से भारी मात्रा में धन उगाही में लिप्त पाये गये।
एजेंसी ने कहा, अनुमान के अनुसार राय 29,58,09,570 रुपये जमा करने और इसे काले धन से सफेद में बदलने के अपराध में शामिल रहा है।
दरअसल इससे पहले राय को सीबीआई ने तीन मई को संदिग्ध वित्तीय लेनदेन करने, गलत जानकारियां मुहैया कराके नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो द्वारा बनाये गये हवाईअड्डा पर आने जाने के पास को हासिल करने और मुंबई के एक कारोबारी के खिलाफ आयकर विभाग के एक मामले में छेड़छाड़ करने तथा कथित उगाही के मामले में गिरफ्तार किया था।
सीबीआई द्वारा दायर प्राथमिकी के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने राय के खिलाफ धन शोधन का मामला दर्ज किया।
सीबीआई ने अपनी प्राथमिकी में आरोप लगाया है कि 2017 में राय के खाते में हर बार एक लाख से ज्यादा के लेनदेन हुए हैं और राय के खाते में 79 करोड़ रुपये आए जिनमें से इस दौरान 78.51 लाख रुपये निकाल लिए गए।