हर साल कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस मनाया जाता है। इस साल धनतेरस 25 अक्टूबर को मनाया जाना है। इस दिन कुछ नया खरीदने की परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन जो कुछ भी खरीदा जाता है उससे बेहद होता है। साथ ही धन संपदा में इजाफा होता है। धनतेरस के दिन सोना-चांदी खरीदना सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है।
पौराणिक कथा के अनुसार इसी दिन समुद्र मंथन के दौरान भगवान विष्णु के अंशावतार अमृत का कलश लेकर प्रकट हुए थे। मुख्यतौर पर यह त्योहार उन्हीं को समर्पित है। धनतेरस के दिन बर्तन, सोना, चांदी जैसी चीजें खरीदना शुभ माना जाता है। मुख्यतौर पर यह त्योहार उन्हीं को समर्पित है। धनतेरस के दिन बर्तन, सोना, चांदी जैसी चीजें खरीदने का चलन है। इस दिन धन के देवता कुबेर और यमराज की पूजा की जाती है। इस साल धनतेरस के दिन पूजन मुर्हुत शाम 19:10 बजे से रात 20:15 बजे तक है।
धनतेरस का दिन निवेशकों के लिए बेहद खास माना जाता है। यह दिन बहुत विशेष महत्व रखता है। धनतेरस के दिन निवेशक कमाई का पोर्टफोलियो (investment portfolio) यानि निवेश सूची तैयार करते हैं। दरअसल, शेयर बाजार में निवेश करना बेहद जोखिम माना जाता है। इसलिए निवेशकों को ज्यादा सावधानी बरतनी होती है। इसके लिए पोर्टफोलियो तैयार करना बेहद जरूरी होता है। वही, बाजार में चल रहे उतार-चढ़ाव का मैजिक मंत्र माना जाता है।
वहीं, इस साल दिवाली के दिन 27 अक्टूबर को बंबई शेयर बाजार (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में एक घंटे का विशेष मुहूर्त कारोबार होगा। शेयर बाजारों ने अलग-अलग परिपत्र में कहा है कि दिवाली के दिन शाम 6 बजकर 15 मिनट से सात बजकर 15 मिनट के बीच विशेष मुहूर्त कारोबार किया जायेगा। दिवाली के दिन नया संवत वर्ष शुरू होता है। यह माना जाता है कि मुहूर्त कारोबार से पूरे वर्ष समृद्धि और धन की प्राप्ति बनी रहती है। अगले दिन बाली प्रतिपदा के मौके पर 28 अक्टूबर को बाजार बंद रहेंगे।