नई दिल्ली: दूरदर्शन के नए 'लोगो' को लेकर मीडिया रिपोर्ट सामने आ रही है, जिसमें बताया गया कि नरेंद्र मोदी सरकार अगर तीसरी बार सत्ता में वापसी करती है, तो सरकार दूरदर्शन का लोगो नारंगी रंग में हो जाएगा। इसके अलावा सरकार सूचना और प्रसारण मंत्रालय (एमआईबी) और प्रसार भारती के लिए कई समायोजन और नई नियुक्तियों की योजना भी बना चुकी है।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय के लिए आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस (एआई) हब बनाने की बात हो रही है और आम जनता को मीडिया और अभिलेखीय सामग्री तक पहुंच प्रदान करने के लिए 'भारत नमन पोर्टल' लॉन्च किया जाएगा। डीडी इंडिया का मकसद ये है कि वह ग्लोबल ब्रांड बने और साथ में 15 देशों में इसके ब्यूरो भी बनेंगे। प्रसार भारती 'शब्द' पोर्टल भी विदेशी आउटलेट्स सहित 1000 से अधिक मीडिया संस्थाओं को शामिल करके एक वैश्विक समाचार एजेंसी बनना है।
रिपोर्ट की मानें तो ग्लोबल मीडिया और एंटरटेनमेंट सम्मिट शेड्यूल है और पीआईबी फेक्टड-चैक यूनिट का भी विस्तार किया जाएगा, जिससे फेक न्यूज से लड़ा जा सका। ये भी खबरें सामने आई कि भारतीय मीडिया संस्थान (आईआईएमसी) मास्टर्स प्रोग्राम भी शुरू करने जा रहा है।
इसमें कहा गया है कि यह सब मोदी 3.0 नामक पांच वर्षीय और पहले 100 दिन की योजना का एक हिस्सा है, जिसे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के अनुरोध पर मंत्रालयों द्वारा विकसित किया जा रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, दूरदर्शन के नीले से नारंगी प्रतीक चिन्ह पर वापस जाने के फैसले से हंगामा मच गया है। भाजपा का दावा है कि यह रंग, जिसे इंदिरा गांधी ने मूल रूप से 1982 में चैनल के लिए चुना था, उसे बहाल कर दिया गया है। इस पर विपक्ष ने हमला बोलते हुए कहा, यह चुनावी संहिता का उल्लंघन है।
डीडी इंडिया और इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (आईएफएफआई) विश्वव्यापी ब्रांड बनेंगे। सरकार का इरादा "डीडी फ्री डिश" पर उपलब्ध चैनलों की संख्या को बढ़ावा देने और निकटवर्ती देशों तक इसकी पहुंच बढ़ाने का भी है। अंतर्राष्ट्रीय सहित 1,000 से अधिक मीडिया आउटलेट्स को जोड़कर, नव स्थापित SHABD भारत की अंतर्राष्ट्रीय समाचार एजेंसी के रूप में विकसित होगी।