लखनऊः केंद्र सरकार के आम बजट के चार दिन बाद यानी पांच फरवरी को योगी आदित्यनाथ की सरकार भी वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट पेश करने की तैयारी में है. योगी सरकार के इस बजट का आकार सात लाख करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में योगी सरकार ने 6.90 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया था. अब योगी सरकार वित्तीय वर्ष 2024-25 के अपने बजट में विधानसभा चुनावों के दौरान किए गए वादों को पूरा करने के लिए सरकारी खजाने को खोलेगी, ताकि लोकसभा चुनावों में उसका लाभ लिया जा सके.
बजट से सधेगी भाजपा की राजनीति
बजट को लेकर की जा रही तैयारियों को देखते हुये अब यह कहा जा रहा है कि यूपी में अब तक के सबसे बड़े इस बजट में लोकसभा चुनाव की तैयारियों का अक्स भी दिखेगा. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तमाम नेताओं का कहना है कि आगामी बजट की तमाम योजनाओं से ही राज्य की 80 लोकसभा सीटों को जीतने लक्ष्य सधेगा. ऐसे में यूपी सरकार के बजट का आकार इस बार बढ़ेगा ही.
मिशन 24 के इस लक्ष्य को साधने वाला यूपी का सबसे बड़ा बजट पेश करने की ज़िम्मेदारी वित्त मंत्री सुरेश खन्ना लगातार आठवीं बार निभाएंगे. यूपी के आगामी बजट को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दावा है कि सदन के पटल पर रखा जाने वाला बजट प्रदेश की 25 करोड़ जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने वाला होगा. इस बजट के जरिए सरकार लोगो को रोजगार देने, कल्याणकारी योजनाएं को शुरू करने तथा इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को बढ़ाने देने के अपने वादे को पूरा करेंगी.
केंद्र से अधिक धन मिलने की उम्मीद
योगी सरकार के इस बजट के किसान और युवाओं के लिए नई योजनाओं के लिए धन आवंटित किया जाएगा. इसके अलावा कृषि और पेयजल की योजनाओं के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रो में रोजगार को बढ़वा देने की योजनाओं के लिए धन आवंटित किया जाएगा. वित्त विभाग के अफसरों के अनुसार, पिछले साल की तुलना में आगामी वित्त वर्ष में स्वयं के कर राजस्व में करीब 34 हजार करोड़ रुपये की वृद्धि का अनुमान है.
केंद्रीय करों के राज्यांश में भी नए वित्त वर्ष में 25 हजार करोड़ रुपये ज्यादा मिल सकते हैं. केंद्र सरकार से मदद के रूप में मिलने वाले अनुदान में भी 10 हजार करोड़ ज्यादा मिलने का अनुमान जताया गया है. इसके अलावा इस बजट में राजस्व व्यय बढ़ने का अनुमान लगाया गया है.
जबकि पूंजी व्यय में 20 हजार करोड़ रुपये ही बढ़ने का अनुमान जताया गया है. वित्तीय वर्ष 2023-24 की तुलना में 2024-25 में राजकोषीय घाटे में मामूली वृद्धि के आसार हैं जो महज 4 हजार करोड़ रुपये होगा. वहीं ऋण में 13 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ने का अनुमान लगाया गया है.