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Budget 2020: भारत के आम बजट से जुड़ी 10 रोचक बातें, ऐसा रहा है 1947 से 2020 तक का सफर

By आदित्य द्विवेदी | Updated: January 25, 2020 12:11 IST

डिफेंस सेक्टर को आवंटित हुआ था भारत के पहले बजट का लगभग आधा हिस्सा। जानिए बजट से जुड़ी कुछ रोचक और खास बातें... 

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1947 में भारत को आजादी मिली। उसके बाद देश में कुल 28 वित्त मंत्री हुए हैं। इन्होंने अब तक कुल 90 बजट (पूर्णकालिक/अंतरिम) पेश किए हैं। क्या आप जानते हैं कि देश का पहला बजट वित्त मंत्री आरके शंखमुखम चेट्टी ने पेश किया था। पहले बजट में खर्च के लिए कुल 197.39 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। इतनी कीमत में तो आज दिल्ली-एनसीआर में एक अच्छा बंगला भी मुश्किल से मिलेगा। 'बाहुबली' फिल्म के चार दिन का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन भी इस धनराशि से ज्यादा था। निर्मला सीतारमण इस बार 1 फरवरी को भारत का 91वां बजट पेश करेंगी।

आइए आपको बताते हैं भारत के केंद्रीय बजट से जुड़े कुछ कुछ रोचक तथ्य...

- भारत के पहले बजट का खर्च 197.39 करोड़ रुपये था। इसमें से करीब आधा (46 प्रतिशत) हिस्सा डिफेंस सेक्टर को दिया गया था। यह रकम 92.74 करोड़ रुपये थी। उस वक्त देश की सीमाओं की सुरक्षा एक बड़ा लक्ष्य था।

- पहले बजट में इस बात पर भी सहमति बनी थी कि भारत और पाकिस्तान सितंबर-1948 तक एक ही करेंसी का इस्तेमाल करेंगे।

- 1948-49 में पहली बार अंतरिम बजट पेश किया गया। अंतरिम बजट अमूमन आम चुनाव से पहले छोटे समय के लिए पेश किया जाता है। पहला अंतरिम बजट पेश करने वाले वित्त मंत्री भी आरके शंखमुखम थे।

- अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने वाले वित्त मंत्री हैं मोरारजी देसाई। उन्होंने 10 केंद्रीय बजट पेश किए हैं। इसके बाद पी. चिदंबरम का नंबर आता है। उन्होंने 9 बजट पेश किए। प्रणब मुखर्जी ने कुल 8 बजट पेश किए हैं।

- 29 फरवरी को मोरारजी देसाई का जन्मदिन होता है जो चार साल में एकबार आता है। वो एकमात्र ऐसे वित्त मंत्री हैं जिन्होंने अपने जन्मदिन के दिन दो बार बजट पेश किया। 29 जनवरी-1964 और 29 फरवरी-1968 को।

- मोरारजी देसाई के इस्तीफे के बाद 1969 में इंदिरा गांधी ने वित्त मंत्रालय का प्रभार संभाला। भारतीय इतिहास में पहली महिला वित्त मंत्री बनी। निर्मला सीतारमण दूसरी महिला वित्तमंत्री हैं। 

- केंद्रीय बजट पेश किए जाने के 10-12 दिन पहले 'हलवा सेरेमनी' का आयोजन किया जाता है। इसमें अधिकारियों और स्टॉफ के लिए बड़ी मात्रा में मिठाई बनाई जाती है। इसके बाद बजट से जुड़े अधिकारियों को नॉर्थ ब्लॉक में बंद कर दिया जाता है जहां बजट की प्रिंटिंग का काम होता है। बजट प्रकाशित करने का पूरा प्रॉसेस बेहद गुप्त रखा जाता है।

- साल 1999 तक केंद्रीय बजट शाम में 5 बजे पेश किया जाता था। 1999 में एनडीए सरकार में वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने परंपरा में बदलाव करते हुए इसे सुबह 11 बजे पेश किया। तब से आज तक यह सुबह 11 बजे ही पेश किया जाता है।

- साल 2016 तक केंद्रीय बजट फरवरी के आखिरी वर्किंग डे में पेश किया जाता था। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2017 में इस परंपरा को बदला और 1 फरवरी को बजट पेश किया। इस साल भी 1 फरवरी को बजट पेश किए जाने की घोषणा की गई है।

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