बजट 2018: क्या 'जेटली की पोटली' खोलेगी कर्ज में डूबे किसानों की किस्मत, पढ़ें 10 खास बातें
By कोमल बड़ोदेकर | Updated: January 29, 2018 09:56 IST2018-01-29T09:04:57+5:302018-01-29T09:56:59+5:30
उम्मीद जताई जा रही है कि केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली देश की जनता को टैक्स में राहत के साथ ही कृषि क्षेत्रों और किसानों की बेहतरी की सौगात दे सकते हैं।

बजट 2018: क्या 'जेटली की पोटली' खोलेगी कर्ज में डूबे किसानों की किस्मत, पढ़ें 10 खास बातें
आज (29 जनवरी) से संसद का बजट सत्र शुरू हो रहा है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के बाद संसद के बजट सत्र का आगाज होगा। 1 फरवरी को वित्तमंत्री अरुण जेटली संसद में बजट पेश करेंगे। इस बार बीते साल लागू किए गए जीएसटी (वस्तु और सेवा कर) प्रणाली के चलचे बजट थोड़ा अलग होगा।
1) बजट सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण से होगी। सोमवार को आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश करने के बाद वित्त मंत्री 1 फरवरी को बजट पेश करेंगे। बजट सत्र 9 फरवरी तक चलेगा।
2) वित्तमंत्री अरुण जेटली की ओर से संसद में पेश किया जाने वाला मौजूदा सरकार का पिछले साल लागू की गई वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली के चलते यह बजट पहले चार बजटों से अगल होगा।
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3) एक्सपर्ट की मानें तो कृषि विकास के आकड़ों में आई गिरावट और किसानों की चिंताजनक हालत के चलते सरकार इस बार बजट में कृषि क्षेत्र को ज्यादा तवज्जो दे सकती है, लेकिन पांच साल में किसानों की आय दोगूनी करने वाली योजना का कहीं अता-पता नहीं है।
4) उम्मीद जताई जा रही है कि केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली देश की जनता को टैक्स में राहत के साथ ही कृषि क्षेत्रों और किसानों की बेहतरी की सौगात दे सकते हैं।
5) इस सत्र में बजट पेश होने के अलावा मोदी सरकार तीन तलाक के खिलाफ बिल और ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिए जाने संबंधित बिल को पारित करवाने की भी कोशिश करेगी।
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6) एक्सपर्ट की माने तो इस बार बजट में टैक्स फ्री इनकम की सीमा ढाई लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख रुपये तक की जा सकती है। वहीं सरकार वेतन भोगियों को कुछ राहत देने के लिए एक बार फिर स्टैंडर्ड डिडक्शन योजना भी शुरू कर सकती है।
7) कर्ज में डूबे हुए बैंकों की हालत सुधारने के लिए सरकार एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा देने की घोषणा पहले ही कर चुकी है। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार 10,312 करोड़ रुपये बाजार से जुटाएगी।
8) अगले साल 2019 की पहले छह महीनों में आम चुनाव हो सकते हैं। इस लिहाज से मोदी सरकार के लिए यह अंतिम पूर्ण बजट है।
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9) इलेक्ट्रिक वाहनों पर लगने वाले 12 फीसदी जीएसटी को घटाकर 5 फीसदी तक किया जा सकता है। वहीं ग्राहकों को ई-वाहनों पर टैक्स में भी भारी छूट देने का अनुमान लगाया जा रहा है।
10) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी राजनीतिक दलों को सोमवार से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र को सार्थक बनाने के लिये रचनात्मक माहौल बनाने की अपील की है।