Budget 2018: क्या 'पटरी' पर दौड़गी रेलवे, मोदी सरकार यात्रियों को करा सकती है सुहाना सफर

By रामदीप मिश्रा | Published: January 29, 2018 08:55 AM2018-01-29T08:55:24+5:302018-01-29T08:55:55+5:30

मोदी सरकार ने अपने बजट 2017-18 में रेलवे के लिए एक लाख करोड़ रुपये के विशेष सुरक्षा कोष की स्थापना का प्रस्ताव रखा था।

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Budget 2018: क्या 'पटरी' पर दौड़गी रेलवे, मोदी सरकार यात्रियों को करा सकती है सुहाना सफर

भारतीय रेलवे से सफर करने वाले यात्री मोदी सरकार के बजट 2018-19 से बड़ी उम्मीदें लगाए बैठे हैं। उन्हें उम्मीद है कि इस बार सरकार कुछ नई सौगातें लेकर आएगी। साथ ही साथ किराए में भी कमी कर सकती है। वहीं, रेलवे की हालत सुधारने में जुटी सरकार जनता को खुश करने की भी पूरी कोशिश कर सकती है। पिछले साल 2017 में बीजेपी सरकार ने अपने चौथे बजट में रेलवे के किराए में कोई कटौती नहीं की थी।
 
रेलवे सेवाओं को दुरुस्त करने पर हो सकता है फोकस

बताया जा रहा है कि रेल यात्रियों की सुविधाओं के लिए साल 2018-19 के बजट में सरकार खासा ध्‍यान देगी। उसका फोकस रेलवे की सेवाओं को दुरुस्त करना हो सकता है। इस साल रेल बजट भी आम बजट 2018 के साथ ही 1 फरवरी को पेश किया जाएगा। दरअसल, पिछले साल 2017 में सरकार ने 93 सालों से अलग से पेश हो रहे रेल बजट के सफर को समाप्त कर दिया था और आम बजट का हिस्सा बनाकर पेश किया था।

इस सुविधा पर रहेगी नजर

इस बजट में उम्‍मीद जताई जा रही है कि सरकार 3400 करोड़ रुपए से देशभर के प्रमुख स्‍टेशनों पर एस्कलेटर और लिफ्ट की सुविधा उपलब्‍ध कराएगी, जिसमें करीब 3000 एक्‍सलेटर और 1000 लिफ्ट लगाने की योजना हो सकती है। इससे दिव्‍यांगों सहित अन्‍य यात्रियों को सीढ़ियां चढ़ने और आने-जाने में कोई परेशानी नहीं होगी। रेलवे में इतनी संख्‍या में एस्कलेटर और लिफ्ट लगाने से खर्च बढ़ रहा है। इस वक्‍त एक एस्कलेटर करीब 1 करोड़ रुपए और एक लिफ्ट करीब 40 लाख रुपए में लग रही है।

सिग्नल प्रणाली के आधुनिकीकरण पर फोकस 

इसके अलावा भारतीय रेलवे की पूरी सिग्नल प्रणाली के पूर्ण आधुनिकीकरण के लिए 78,000 करोड़ रुपये की लागत को आगामी बजट में अन्य सुरक्षा उपायों के बीच मंजूरी मिल सकती है। रेलवे को इस बार सकल बजट सहयोग (जीबीएस) का 65,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। इसमें बीते साल के मुकाबले 10,000 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है। रेलवे अपने अवसंरचना विकास व सुरक्षा उपायों को बढ़ाने के लिए अपने आंतरिक संसाधनों व बाजार से धन जुटाने के लिए आगे बढ़ रहा है।

बजट 2017-18 में ये रखा था प्रस्ताव

गौरतलब है कि सरकार ने अपने बजट 2017-18 में रेलवे के लिए एक लाख करोड़ रुपये के विशेष सुरक्षा कोष की स्थापना का प्रस्ताव रखा था। इसके तहत ट्रैक और सिग्नल प्रणाली का उन्नयन और मानवरहित क्रॉसिंग को समाप्त किया जाना था। साथ ही 3,500 किलोमीटर की नई लाइनें चालू करने का भी प्रस्ताव रखा गया था। हालांकि सरकार ने अपने तीसरे बजट 2016-17 के लिए यह लक्ष्य 2,800 किलोमीटर रखा था।

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