पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में 24 एजेंडों पर मुहर लगी है। बैठक में कई बड़े तोहफे के रूप में अलग अलग विभागों से जुड़े निर्णय लिए गए हैं, जिसका सीधा असर आम लोगों को कई क्षेत्रों में मिलेगा। कैबिनेट में हुए एक अहम निर्णय में कलाकारों के लिए मुख्यमंत्री कलाकार पेंशन योजना को स्वीकृति मिली है। इसमें बिहार राज्य के कलाकारों को 3 हजार रुपए का मासिक पेंशन दिया जाएगा। इसके अलावा मुख्यमंत्री गुरु शिष्य परंपरा योजना को भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। सरकार ने इसके लिए इस वित्तीय वर्ष में एक करोड़ 11 लाख 60 हजार रुपये मंजूर किए हैं। कैबिनेट की बैठक की जानकारी देते हुए अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ ने कहा कि कैबिनेट ने 'मुख्यमंत्री प्रतिज्ञा योजना' को मंजूरी दे दी है।
इस योजना के तहत युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके तहत पात्र प्रत्याशियों योग्यता के अनुसार, 12वीं पास युवाओं को 4,000 रुपये, आईटीआई या डिप्लोमा धारकों को 5,000 रुपये और ग्रेजुएट युवाओं को 6,000 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे। सरकार का लक्ष्य है कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में 5,000 युवाओं को इस योजना का लाभ दिया जाए,
जबकि आगामी पांच वर्षों में इसका विस्तार कर एक लाख युवाओं तक पहुंच बनाने की योजना है। इसके साथ ही कैबिनेट ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की योजना के अंतर्गत 3,835 करोड़ रुपये के बजट को भी मंजूरी दी है। सरकार का मानना है कि यह कदम राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के साथ-साथ युवाओं और किसानों दोनों को सशक्त बनाएगा।
वहीं नीतीश सरकार ने तीन अधिकारियों के संविदा विस्तार और पुनर्नियोजन को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट बैठक में मिट्टी की जांच प्रयोगशाला की स्थापना के लिए इस वित्तीय वर्ष में 30 करोड़ 49 लाख 37 हजार 227 रुपये स्वीकृत किए गए। इसके अलावा पंचायती राज संस्थाओं और ग्राम कचहरी के जनप्रतिनिधियों को इलाज के लिए मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से अनुदान देने को मंजूरी मिली है।
इसके साथ ही सरकार ने सीतामढ़ी में पुनौरा धाम मंदिर के विकास के लिए 882 करोड़ 87 लाख रुपये मंजूर किए हैं, ताकि इस स्थल को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या की तर्ज पर विकसित किया जा सके। कैबिनेट द्वारा स्वीकृत योजना के अनुसार, पुनौरा धाम को एक भव्य धार्मिक एवं पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित किया जाएगा।
इसके अंतर्गत मंदिर परिसर का विस्तार, दर्शन मार्ग, यात्री सुविधाएं, पार्किंग, विद्युत व्यवस्था, डिजिटल सूचना केंद्र, सांस्कृतिक सभागार, संग्रहालय, पर्यटन कार्यालय, सुरक्षा और स्वच्छता जैसी सुविधाओं का विकास शामिल होगा। दरअसल, सीतामढ़ी को माता सीता की जन्मस्थली माना जाता है और हर वर्ष लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं।
लेकिन अब तक यह स्थल अपेक्षित विकास से वंचित रहा है। अयोध्या की तर्ज पर विकास की यह पहल न केवल धार्मिक महत्व को बढ़ाएगी, बल्कि स्थानीय रोजगार, पर्यटन और क्षेत्रीय विकास को भी गति देगी।वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक्स पर लिखा कि मुझे बताते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि जगत जननी मां जानकी की जन्मस्थली पुनौरा धाम, सीतामढ़ी को समग्र रूप से विकसित किए जाने हेतु भव्य मंदिर सहित अन्य संरचनाओं के निर्माण की योजना को आज कैबिनेट से मंजूरी दे दी गई है।
आज कैबिनेट में पुनौरा धाम के समग्र विकास के लिए तैयार की गई वृहद योजना के लिए 882 करोड़ 87 लाख रू॰ की स्वीकृति प्रदान की गई है”। उन्होंने आगे लिखा कि “इस योजना का जल्द ही कार्यारंभ कर दिया जाएगा। मैंने अगस्त महीने तक इसका शिलान्यास कराने का निर्देश दिया है। हम लोग पुनौरा धाम, सीतामढ़ी में भव्य मंदिर निर्माण शीघ्र पूरा कराने हेतु कृतसंकल्पित हैं।
इसका श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र, अयोध्या की तर्ज पर समग्र विकास किया जाएगा। पुनौरा धाम में मां जानकी के भव्य मंदिर का निर्माण सभी देशवासियों के लिए तथा विशेष रूप से हम सभी बिहार वासियों के लिए सौभाग्य एवं गर्व की बात है”।