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अनिल अंबानी का बढ़ा संकट, कर्ज वसूली के लिए SBI के उठाए कदमों से बढ़ी मुसीबतें

By स्वाति सिंह | Updated: June 15, 2020 16:20 IST

भारतीय स्टेट बैंक ने अनिल अंबानी से दिवालिया कानून के निजी गारंटी उपबंध के तहत 1,200 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली के लिए राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में आवेदन किया था।

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ठळक मुद्देअनिल अंबानी के रिलायंस समूह की प्रमुख कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस ने 2019 की शुरुआत में दिवालियापन के लिए आवेदन किया था। रिलायंस इंडस्ट्रीज पर 1.61 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध कर्ज है।

नई दिल्ली: भारतीय स्टेट बैंक पूर्व अरबपति अनिल अंबानी द्वारा सुसज्जित दो गारंटी की वसूली करना चाहता है, जिसकी कीमत समाचार रिपोर्ट के अनुसार 158 मिलियन डॉलर से अधिक है। अदालत की वेबसाइट पर एक अपडेट के अनुसार, राज्य द्वारा संचालित ऋणदाता ने एक रिज़ॉल्यूशन पेशेवर नियुक्त करने के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के साथ एक आवेदन दायर किया। प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के अनुसार, इस टाइकून ने जिसने अपने रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड और Reliance Infratel Ltd. को बैंक के ऋणों की व्यक्तिगत गारंटी दी थी, को गुरुवार को जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया था।

वहीं, भारतीय स्टेट बैंक ने अनिल अंबानी से दिवालिया कानून के निजी गारंटी उपबंध के तहत 1,200 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली के लिए राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में आवेदन किया था। अनिल अंबानी ने रिलायंस कम्युनिकेशंस और रिलायंस इंफ्राटेल को दिए गए कर्ज के लिए निजी गारंटी दी थी। बी एस वी प्रकाश कुमार की अध्यक्षता वाले न्यायाधिकरण ने गुरुवार को आवेदन पर सुनवाई करते हुए अंबानी को जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया। 

अनिल अंबानी के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा,‘‘यह मामला रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) और रिलायंस इंफ्राटेल (आरआईटीएल) द्वारा लिए गए कॉरपोरेट ऋण से संबंधित है और यह अंबानी का व्यक्तिगत ऋण नहीं है।’’ 

बयान में कहा गया कि आरकॉम और आरआईटीएल की समाधान योजनाओं को मार्च 2020 में उनके ऋणदाताओं ने 100 प्रतिशत मंजूरी दी थी। इन समाधान योजनाओं को एनसीएलटी, मुंबई की स्वीकृति का इंतजार है। बयान में कहा गया है, ‘‘अंबानी उपयुक्त जवाब दाखिल करेंगे और एनसीएलटी ने याचिकाकर्ता (एसबीआई) को कोई राहत नहीं दी है।’’ अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस समूह की प्रमुख कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस ने 2019 की शुरुआत में दिवालियापन के लिए आवेदन किया था। 

मुकेश अंबानी का रिलायंस को दिसंबर तक पूरी तरह कर्जमुक्त करने का लक्ष्य

अरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज को पूरी तरह ऋणमुक्त करने के प्रयास तेज कर दिए हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज पर 1.61 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध कर्ज है। अंबानी कंपनी के साथ और रणनीतिक निवेशकों को जोड़कर कंपनी को पूरी तरह कर्ज से मुक्त करना चाहते हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अंबानी ने पिछले साल अगस्त में मार्च, 2021 तक कंपनी को पूरी तरह कर्जमुक्त करने का लक्ष्य रखा था। 

उन्होंने हाल में फेसबुक के साथ 5.7 अरब डॉलर यानी 43,547 करोड़ रुपये का करार किया है। फेसबुक रिलायंस जियो में 9.9 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी। इसके अलावा रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 53,125 करोड़ रुपये का राइट्स इश्यू लाने की घोषणा की है। साथ ही कंपनी सऊदी अरामको को अपने तेल एवं प्रैटूोरसायन कारोबार में हिस्सेदारी की बिक्री करने जा रही है। ऐसे में रिलायंस इंडस्ट्रीज इस साल दिसंबर तक लक्ष्य को हासिल कर सकती है। 

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